राज्य के सभी यूनिवर्सिटी में अब 1 साल का होगा- पीजी कोर्स- देखें नया नियम

राज्य के सभी यूनिवर्सिटी में अब 1 साल का होगा- पीजी कोर्स- देखें नया नियम

राज्य के सभी यूनिवर्सिटी में अब 1 साल का होगा- पीजी कोर्स- देखें नया नियम:-उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव किया गया है। नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में सत्र 2027 से 1 वर्षीय पीजी (Post Graduation) कोर्स लागू किया जाएगा।
इस बदलाव का सीधा लाभ उन छात्रों को मिलेगा जिन्होंने 4 वर्षीय स्नातक (Four Year Graduation) पूरा किया है।

  • 4 वर्षीय स्नातक कोर्स क्या है
  • 1 वर्षीय PG कोर्स क्या है
  • कौन छात्र 1 साल का PG कर सकता है
  • 2 साल का PG कौन करेगा
  • नया सिस्टम कैसे काम करेगा
  • छात्रों को क्या फायदा और क्या सावधानी रखनी होगी

उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक और बड़ा बदलाव होगा। 2027 से पीजी कोर्स 1 साल का हो जाएगा। 3 वर्षीय स्नातक कोर्स का अंतिम बैच 2025 में पास आउट हुआ है। वहीं, 2023 से राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में 4 वर्षीय कोर्स लागू है। यह सत्र 2027 में पास आउट होगा। 4 साल में स्नातक करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए पीजी की पढ़ाई 1 साल की होगी। इसमें 2 वर्षीय पीजी का अंतिम सत्र 2025-27 होगा। 4 वर्षीय स्नातक कोर्स में 3 साल की पढ़ाई पूरी करने के बाद छात्र 2 वर्षीय पीजी कोर्स भी कर सकेंगे। न्यू एजुकेशन पॉलिसी 2020 व नेशनल कॅरिकुलम फ्रेमवर्क के आधार पर प्राथमिक से उच्च शिक्षा तक के पैटर्न में बदलाव हो रहा है। ऐसे में अब पीजी कोर्स का पैटर्न बदलेगा। राज्य के विश्वविद्यालयों में तैयारी शुरू कर दी गई है।

सीबीसीएस यानी च्वॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के साथ ही अबतक 2 वर्ष का पीजी कोर्स संचालित किया जा रहा है। इसमें 4 सेमेस्टर की पढ़ाई पूरी करनी होती है। 4 साल के स्नातक कोर्स में सभी 8 सेमेस्टर की पढ़ाई सफलतापूर्वक पूरी करने के बाद ऑनर्स विद रिसर्च की डिग्री दी जाएगी। ये छात्र 1 साल का पीजी कोर्स कर सकेंगे। इसमें 2 सेमेस्टर की पढ़ाई होगी और 44 क्रेडिट हासिल करने होंगे।

एक वर्षीय परास्नातक पाठ्यक्रम यानी पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स में किसी भी क्षेत्र में स्पेशलाइजेशन पर फोकस किया जाएगा। किसी खास क्षेत्र में प्रैक्टिकल स्किल्स और इंडस्ट्री ओरिएंटेड नॉलेज के आधार पर इसे तैयार किया जाएगा। इसी के अनुसार सभी विषयों के सिलेबस को अपडेट किया जाना है। नई शिक्षा नीति में स्पेशलाइज्ड कोर्स पर विशेष जोर दिया गया है। 4 साल में स्नातक और 1 साल में पीजी करने के बाद छात्र संबंधित विषय में पीएचडी करने के लिए भी योग्य होंगे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने पीजी पाठ्यक्रमों के लिए एक मसौदा पाठ्यक्रम और क्रेडिट ढांचा तैयार किया है, जिसमें 4 वर्षीय स्नातक के बाद छात्र एक वर्षीय मास्टर कार्यक्रम में दाखिला ले सकेंगे।

राज्य के विश्वविद्यालयों में सत्र 2023-27 से 4 वर्षीय स्नातक कोर्स सीबीसीएस के साथ लागू है। मल्टीपल इंट्री और एग्जिट पॉलिसी इसकी खासियत है। यानी पहले, दूसरे या तीसरे साल की पढ़ाई पूरी करके छात्र कुछ दिनों का ब्रेक ले सकते हैं। या फिर दूसरे संस्थान से शेष पढ़ाई पूरी कर सकते हैं। एक साल में 2 सेमेस्टर की पढ़ाई पूरी करने पर यूजी सर्टिफिकेट, दो साल में 4 सेमेस्टर की पढ़ाई पूरी करने पर यूजी डिप्लोमा, 3 साल में 6 सेमेस्टर की पढ़ाई पूरी करने पर यूजी डिग्री दी जाएगी। वहीं, 4 साल में 8 सेमेस्टर पूराकरने पर यूजी डिग्री आनर्स विद रिसर्च का सर्टिफिकेट मिलेगा।

राज्य सरकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के दिशा-निर्देश के अनुसार—

  • 2025 में 3 वर्षीय स्नातक का अंतिम बैच पास आउट होगा
  • सत्र 2023–27 से 4 वर्षीय स्नातक कोर्स लागू
  • सत्र 2027 से PG कोर्स 1 वर्ष का किया जाएगा
  • लेकिन यह सुविधा सिर्फ 4 वर्षीय स्नातक पास छात्रों को ही मिलेगी

यानी हर छात्र 1 साल का PG नहीं कर सकेगा, इसके लिए विशेष योग्यता जरूरी है।

नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत स्नातक की पढ़ाई को अब 4 वर्ष का किया गया है।

  • कोर्स अवधि: 4 वर्ष (8 सेमेस्टर)
  • कुल क्रेडिट: लगभग 160 क्रेडिट
  • रिसर्च / प्रोजेक्ट अनिवार्य
  • मल्टीपल एग्जिट सिस्टम (बीच में डिग्री लेने की सुविधा)

जो छात्र पूरा 4 साल पढ़ाई करेगा वही 1 वर्षीय PG के लिए योग्य होगा।

1-वर्षीय PG एक फास्ट-ट्रैक मास्टर डिग्री होगी, जिसे NEP के तहत डिजाइन किया गया है।

  • अवधि: 1 वर्ष (2 सेमेस्टर)
  • केवल 4 वर्षीय स्नातक वालों के लिए
  • रिसर्च और एडवांस्ड स्टडी पर फोकस
  • कम समय में मास्टर डिग्री

1 वर्षीय PG करने के लिए जरूरी शर्तें:

  • छात्र ने 4 वर्षीय स्नातक (Four Year Graduation) पूरा किया हो
  • संबंधित विषय (Subject) में स्नातक किया हो
  • विश्वविद्यालय / कॉलेज से मान्यता प्राप्त डिग्री
  • न्यूनतम अंक (विश्वविद्यालय तय करेगा)
  • CBCS और NEP पैटर्न के अनुसार डिग्री

3 वर्षीय स्नातक वाले छात्र 1 साल का PG नहीं कर पाएंगे।

  • जिन्होंने 3 वर्षीय स्नातक किया है
  • जिन्होंने बीच में एग्जिट लेकर सिर्फ 3 साल की डिग्री ली है
  • पुराने पैटर्न से स्नातक पास छात्र

ऐसे छात्रों के लिए PG अब भी 2 वर्ष का ही रहेगा।

  • मास्टर डिग्री जल्दी पूरी होगी
  • समय और पैसा दोनों की बचत
  • जल्दी नौकरी / रिसर्च का मौका
  • अंतरराष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली के बराबर ढांचा
  • रिसर्च और स्किल पर ज्यादा फोकस
  • स्नातक में 4 साल पूरा करें, बीच में एग्जिट न लें
  • NEP पैटर्न वाले कॉलेज / विश्वविद्यालय का चयन करें
  • अपने विषय से संबंधित ही PG चुनें
  • कॉलेज से यह जरूर पूछें कि डिग्री 1 वर्षीय PG के लिए मान्य है या नहीं

राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में 1 वर्षीय PG कोर्स लागू होना एक ऐतिहासिक बदलाव है।
लेकिन यह सुविधा सिर्फ उन्हीं छात्रों को मिलेगी जो 4 वर्षीय स्नातक कोर्स पूरा करेंगे

अगर आप भविष्य में कम समय में मास्टर डिग्री चाहते हैं, तो अभी से 4 वर्षीय स्नातक कोर्स का चुनाव करना आपके लिए सबसे सही निर्णय होगा।

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