सादे कागज पर बना वंशावली भी मान्य | सभी जमीन के कागजात घर बैठे मंगाए | बिहार जमीन सर्वे

सादे कागज पर बना वंशावली भी मान्य | सभी जमीन के कागजात घर बैठे मंगाए | बिहार जमीन सर्वे

सादे कागज पर बना वंशावली भी मान्य | सभी जमीन के कागजात घर बैठे मंगाए | बिहार जमीन सर्वे:–राज्य में जमीन सर्वे पर राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने लोगों से अपील की है कि वो घबराएं नहीं। उन्होंने कहा कि वंशावली को लेकर फैली भ्रांतियों पर ध्यान न दें। कहा- वंशावली आपको खुद बनानी है। किसी व्यक्ति या कार्यालय जाने की जरूरत नहीं है। न ही सत्यापन की जरूरत है। सादे कागज पर वंशावली बनाकर स्वघोषणा के साथ संलग्न करें। यह पूरी तरह मान्य है। कागजात अधूरे हीं तव भी स्वघोषणा अवश्य करें। इसके लिए विभाग ने अभी तक कोई अंतिम तिथि निर्धारित नहीं की है।

गौरतलब है कि जमीन सर्वे शुरू होने के बाद से गांवों में अफरातफरी है। मंत्री जायसवाल ने यह भी स्पष्ट किया कि भूमि सर्वे के लिए लगान रसीद का ऑनलाइन या अद्यतन होना जरूरी नहीं है। पूर्व की ऑफलाइन रसीदें भी पूरी तरह मान्य होंगी। उन्होंने कहा कि भूमि सर्वेक्षण को लेकर लोगों को चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। विभाग रैयतों की समस्याओं के समाधान के लिए तत्पर है।

कैडस्टूल खतियान, रिविजनल खतियान, जमाबंदी पंजी प्रति, दाखिल खारिज वाद अभिलेख, राजस्व मानचित्र, दाखिल-खारिज पंजी, बंदोबस्ती अभिलेख, चकबंदी अभिलेख, भू-अर्जन अभिलेख, सीलिंग पंजी, लगान निर्धारण अभिलेख और मापी वाद अभिलेख।” 12 प्रकार के राजस्व दस्तावेजों की डिजिटली हस्ताक्षरित प्रति भी ऑनलाइन उपलब्ध है। इसके लिए सरकार को मामूली शुल्क का ऑनलाइन भुगतान कर दस्तावेज घर बैठे प्राप्त हो सकता है। बस, विभाग के वेबसाइट biharbhumi. bihar.gov.in पर भू-अभिलेख पोर्टल को क्लिक करना है।

मंत्री ने कहा कि खतियान, जमाबंदी पंजी, लगान- रसीद जैसे राजस्व अभिलेखों के लिए लोगों को कार्यालयों का चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। ये दस्तावेज ऑनलाइन उपलब्ध हैं। आप मोबाइल या लैपटॉप से विभाग की वेबसाइट पर जाकर दस्तावेज देख सकते हैं, प्रिंट कर सकते हैं, और स्वघोषणा के साथ अपलोड कर सकते हैं।

मंत्री ने बताया कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने करीब 16 करोड़ राजस्व दस्तावेजों को डिजिटाइज करा कर ऑनलाइन कर दिया है। इसमें करीब 35 हजार गांवों का खतियान भी शामिल है। इनकी मदद से पूर्वजों द्वारा धारित जमीन के संबंध में जानकारी मिल सकती है। ये सभी मुफ्त में ऑनलाइन उपलब्ध है।

मंत्री ने कहा, सर्वे शिविर कार्यालयों के हेड सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी लोगों को बताएं कि पहले छोटे मौजों में सर्वेक्षण होगा। उसे पूरा करने के बाद बड़े मौजों में काम शुरू होगा। खुद लोगों के लिए उपलब्ध रहें। सरकारी नक्शें शिविर कार्यालय में उपलब्ध करवाएं। सभी मौजों में ग्राम सभा करवाएं। क्षेत्र के सभी भागों में घूमें और लोगों को जागरूक करें। पूरे जिले में सर्वे के लिए उत्तरदायी बंदोबस्त पदाधिकारी भी अपने जिले में भूमि सर्वे के काम की बेहतर समीक्षा के लिए लगातार भ्रमण करें।

बंदोबस्त पदाधिकारियों को स्पष्ट कहा गया है कि अपने जिले के स्थानीय अखबारों में सर्वे शिविर कार्यालय का स्थान, शिविर प्रभारी का नाम एवं मोबाइल नंबर प्रकाशित करवाएं। अंचल कार्यालयों के समीप ही सर्वे शिविर कार्यालय बनवाएं। इससे अंचल कार्यालय परिसर के आधुनिक अभिलेखागारों में उपलब्ध कंप्यूटर/प्रिंटर का इस्तेमाल सर्वे में किया जा सकेगा।

राज्य में भूमि सर्वेक्षण का काम शुरू हो चुका है राजख एवं भूमि सुधार विभाग इस काम में जोर-शोर से जूट चुका है नये मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने इसे सभी जिला अधिकारियों को प्राथमिकता से लेने के निर्देश दिये हैं. भूमि सर्वेक्षण को लेकर एक ओर जहां लोगों की काफी जिज्ञासा है. वही जानकारी केअभाव में ग्रामीणों व भू-स्वामियों में डर भी है और साथ ही कागजात जुटाने को लेकर माथापच्ची का दौर जारी है. इन्हीं परेशानियों को देखते हुए इस रविवार विशेष में हम इससे जुड़े कई पहलुओं की जानकारी देने के साथ-साथ जमीनी स्तर पर क्या दिक्कतें आ रही है. इससे पाठकों व अधिकारियों को रू-ब-रू कराने का प्रयास कर रहे हैं.

  • सर्वे के लिए खतियान, रजिस्टर- 2 सहित जमीन के कई दस्तावेज ऑनलाइन हैं मौजूद
  • सर्वे का आवेदन आप तय प्रारूप को देखकर सादे कागज पर भी कर सकते हैं
  • सर्वे के कागजात अपलोड करने, अन्य सेवाओं सहित जानकारियों के लिए वेबसाइट https:// dirs.bihar.gov. in/services पर जा सकते हैं

राज्य में जमीन सर्वे के लिए आवेदन रिजेक्ट होने के डर से आम लोग इस प्रक्रिया में धीरे-धीरे शामिल हो रहे हैं. वे चाहते हैं कि पूरा कागजात इकट्ठा होने पर ही ऑफलाइन या ऑनलाइन आवेदन करें, लेकिन राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने लोगों के इस डर को दूर करते हुए स्पष्ट कहा है कि लोग फिलहाल अपने पास मौजूद कागजात व दस्तावेजों के साथ आवेदन कर दें, बाद में छूटे कागजात भी जमा कर सकते हैं, इस दौरान आवेदन रिजेक्ट नहीं होगा.

यदि आप पढ़े-लिखे नहीं है तो चसुधा केंद्र से संपर्क कर सकते हैं. दरअसल सर्वे शुरू होने के साथ ही आवेदन की प्रक्रिया, इसमें लगने वाले कागजात, आवेदन रिजेक्ट होने का डर सहित एक साथ कई प्रकार की जिज्ञासा लोगों के मन में है. दरअसल जमीन सर्वे का मुख्य उद्देश्य आधुनिक प्रौद्योगिकी की मदद से डिजिटाइज्ड अऑनलाइन अधिकार अभिलेखों और मानचित्रों को तैयार करना है. इसका लक्ष्य भूमि संबंधी सभी सूचनाओं को इकट्ठा कर इसके सभी उपयोगकर्ताओं को सरल और उपयोगी सेवाएं देनी है.

भूमि सर्वेक्षण से संबंधित अधिसूचना और घोषणा, रैयत द्वारा अपनी भूमि का ब्यौरा प्रपत्र-2 में सौंपना. अमीन द्वारा पूर्व के खतियान का सार तैयार करना.

नक्शा या मानचित्र निर्माण और इससे संबंधित कार्यों से जुड़ी है.

नवरात्र या मानचित्र के खेसरों के अनुसार उनके स्वामित्व का निर्धारण और सत्यापन.

किस्तवार और खानापूरी के दौरान तैयार मानचित्र और अधिकार अभिलेख के प्रारूप से संबंधित रैयतों की आपत्ति दावों की सुनवाई और उनका निष्पादन.

किरतवार, खानापूरी और सुनवाई की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अंतिम अधिकार अभिलेख का प्रकाशन और रेवतों के साथ लगान की बंदोबस्ती.

अंतिम अधिकार अभिलेख के प्रकाशन के बाद आयी आपत्तियों की सक्षम प्राधिकार द्वारा सुनवाई और निष्पादन, साथ ही विभिन्न स्तरों पर उनको उपलब्ध कराया जाना.

केंडस्ट्रल खतियान, रिविजनल खतियान, जमाबंदी पंजी प्रति, दाखिल-खारिज वाद अभिलेख, राजस्व मानचित्र, दाखिल- खारिज पजी, बंदोबस्ती अभिलेख, चकबंदी अभिलेख, भू-अर्जन अभिलेख, सीलिंग पंजी, लगान निर्धारण अभिलेख, मापी वाद अभिलेख.

राजस्य एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह का सर्वे के दौरान भ्रष्टाचार के बारे में स्पष्ट कहना है कि आपको सर्व कार्य के लिए कहीं भी पैसे देने की जरूरत नहीं है. यदि आपसे कोई अधिकारी या कर्मचारी पैिसे मांगता है तो इसकी लिखित शिकायत डीएम से करें. सबै प्रक्रिया में गड़बड़ी की शिकायत आयेगी तो दोषियों पर कार्रवाई होगी.

जमीन सर्वे सभी का होगा. इसके लिए जमीन की रजिस्ट्री, जमीन से जुड़ी जमाबंदी की रसीद, खरीद विक्री से जुड़े सभी दस्तावेज, खतियान को नकल, जमीन का नकार अगर पुश्तैनी संपति है और जिसके नाम जमीन है, उनका निधन हो चुका हो तो उनका मृत्यु प्रमाण पत्र, जमीन को लेवार अगर कोई कोर्ट का आदेश है तो उसकी कॉपी, आवेदक का पीटर आइडी, आधार कार्ड की कॉपी मुख्य रूप से उपलब्ध कराने होंगे, सर्वे का कागजात अपलोड करने, अन्य सेवाओं सहित जानकारियों के लिए वेबसाइट https//dirs.bihar.gov.in/services देखा जा सकता है इसी वेबसाइट घर: रआप अपनेगांव में सर्वे की स्थिति, अमीन और कानूनगों की जाना जानकारी, ग्राम सभा व शिविर कीजानकारी भी देख सकते हैं.

बिहार में पहली बार 1890 से 1920 के बीच केंद्रस्ट्रल सर्वर हुआ था. कैडस्टूल का मतलब खेसरा या प्लॉट होता है. स्वतंत्रता प्राप्ति और जमींदारी उन्मूलन के बाद दूसरा सर्वे हुआ. लेकिन यह रिविजनल सर्वेक्षण था. यह रिविजनल सर्वेक्षण पूर्व में किये गये कैडस्ट्रल सर्वेक्षण का आपत्तीकरण था. कैडस्ट्रल सर्व के वैधानिक आधार और तकनीक पर, रिविजनल सर्वे अलग-अलग समय में बिहार के कई जिलों में किया गया वर्तमान में किये जाने वाले विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त का वैधानिक आधार बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त अधिनियम-2011 और नियमावली- 2012 (सशेोधित) है.

Whatsapp Group JoinCLICK HERE
TELEGRAMjoin
YOUTUBESUBSCRIBE

Latest Jobs

Bihar Special

जाती आय निवास सर्टिफिकेट डाउनलोड लिंक | Bihar Cast Income Domicile Certificate download link

मैट्रिक इंटर बोर्ड परीक्षा 2025 बदल गए सभी नियम | 2025 में परीक्षा देने वाले नया नियम समझें

11th First terminal exam August 2024 All Subject question paper With Answer

12th First terminal exam August 2024 All Subject question paper With Answer

12वीं बाद सरकारी नौकरी कैसे करें | 12वीं पास के लिए सरकारी नौकरी

कक्षा 1 से 12वीं तक के छात्रों को फ्री गेस गाइड पेन कॉपी मिलना शुरू- लिस्ट जारी इतना ही छात्रों को मिलेगा

IBPS Clerk Syllabus 2025 in Hindi

बनना चाहते हैं SDM DM तो BPSC टॉपर कि सफलता का रहस्य जानें

Syllabus

Important

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top