साइकिल पोशाक छात्रवृत्ति का पैसा | कक्षा 1 से 12वीं तक का पैसा – सबका आया

साइकिल पोशाक छात्रवृत्ति का पैसा | कक्षा 1 से 12वीं तक का पैसा - सबका आया

कक्षा 1 से 12वीं तक पैसा – सबका आया:-राज्य सरकार सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले एक करोड़ से अधिक बच्चों को अब सत्र की शुरुआत में ही की राशि मुहैया करा देगी, शैक्षणिक सत्र 2025-26 के अप्रैल में यह राशि छात्र-छात्राओं को दे दी जायेगी.

पहला क्लास में दाखिला लेनेवाले सभी विद्यार्थियों को पोशाक की राशि मिलेगी, जबकि शेष सभी विद्यार्थियों को पिछले सत्र की उपस्थिति के आधार पर राशि दी जायेगी. इस पर करीब 710 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसके साथ ही राज्य की 19,867 किलोमीटर लंबी ग्रामीण सड़कों की मजबूती पर 17,266 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में गुरुवार हुई कैबिनेट की बैठक में इसकी मंजूरी दी गयी, इसके साथ ही कैबिनेट ने ग्रामीण विकास विभाग की कुल 37 प्रस्तावों सहित 51 प्रस्तावों की स्वीकृति दी गयी, कैबिनेट ने चीनी मिलों को आर्थिक पैकेज के रूप में पेराई सत्र 2022-23, 2023-24 और 2024-25 में खरीदे गये गन्ना पर भुगतान में क्षेत्रीय विकास परिषद के कमीशन की दर को घटाया गया है. अब इस वित्तीय वर्ष में कमीशन की दर 1.80% से घटाकर 0.20% के रूप में पुनर्निर्धारण की स्वीकृति दी गयी.

कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव डा एस सिद्धार्थ ने बताया कि राज्य योजना के तहत पटना विश्वविद्यालय के मगध महिला कॉलेज के परिसर में विज्ञान भवन जी प्लस 6) और ऑडिटोरियम के निर्माण के लिए 47.23 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति दी गयी. कैबिनेट ने राज्य योजना के तहत जेपी विश्वविद्यालय के तहत संचालित राजेंद्र कॉलेज, छपरा के परिसर में शैक्षणिक भवन (विज्ञान संकाय) (जी प्लस 4), कला संकाय (जी प्लस 4), सभागार और 600 मीटर की चारदीवारी के साथ परिसर के विकास के लिए 61 करोड़ 42 लाख की योजना की स्वीकृति दी गयी.

मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना के तहत राज्य के 37 जिलों की 11251 ग्रामीण सड़कों का सुदृ‌ढीकरण किया जायेगा. राज्य भर में इनकी कुल लंबाई 19,867 किलोमीटर है. इस पर 17,266 करोड़ की लागत आयेगी. कैबिनेट द्वारा मंजूर इन सड़कों का सात वर्षों तक दीर्घकालीन प्रबंधन भी किया जायेगा. इसके पहले खगड़िया जिले की ग्रामीण सड़कों के निर्माण की मंजूरी मिल चुकी है. इस प्रकार से राज्य के कुल 11421 ग्रामीण सड़कों, जिसकी लंबाई 20,069 किलोमीटर हो गयी, जिनके निर्माण के लिए 17422 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिल चुकी है.

राज्य के युवक व युवतियों को स्थानीय रोजगार व उद्योग की उपलब्धता और भविष्य में रोजगार की संभावनाओं को देखते हुए कोर्स शुरू किया जा रहा है. उन्नत किस्म का प्रशिक्षण देने के लिए पूर्व से स्थापित पांच आइ‌टीआइ के तीन ट्रेड में सात युनिट का परिवर्धन और सात इंस्ट्रक्टरों के पदों के सूजन की स्वीकृति दी गयी है.

पटना। राज्य के सरकारी विद्यालयों की पहली से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को साईकिल, पोशाक, छात्रवृत्ति आदि योजनाओं की राशि का भुगतान बिना आधार (सीडिंग) से जुड़े बैंक खातों में भी होगा।

विद्यार्थियों के आधार सिडिंग खातों की बेहद कम संख्या को देखते हुए शिक्षा विभाग ने अपने पूर्व के फैसले में बदलाव किया है। इसके साथ ही कक्षा में 75 प्रतिशत हाजिरी दर्ज कराने वाले सभी छात्र-छात्राओं को योजनाओं की राशि मिलने का रास्ता साफ हो गया है। विभाग का लक्ष्य फरवरी में सभी बच्चों के खाते में राशि का भुगतान करने का है। विभाग के नये फैसले से 80 लाख से अधिक उन बच्चों को लाभहोगा, जो पूर्व की शर्त पर योजनाओं की राशि से वंचित हो सकते थे।

नये निर्णय के अनुरूप शिक्षा विभाग ने बच्चों अथवा उनके अभिभावकों के बैंक खाते में राशि का भुगतान करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। विभाग ने कक्षा में 75 प्रतिशत हाजिरी दर्ज कराने वाले एक करोड़ 15 लाख छात्र छात्राओं की सूची एनआईसी को भेज दी है। राशि का भुगतान सीधे बैंक खाते में चरणवार किया जाएगा। इसी क्रम में 15 लाख से अधिक विद्यार्थियों को राशि का भुगतान कर दिया गया है। गौरतलब है कि ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर सरकारी विद्यालयों में नामांकित बच्चों की संख्या 1.80 करोड़ है।

राज्य के सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थियों के अभिभावकों से इसका शपथपत्र लिया जाएगा कि जिस योजना की राशि बच्चों को दी जा रही है, उसमें ही वह खर्च करेंगे। इसको लेकर शिक्षा विभाग के माध्यमिक शिक्षा निदेशक योगेंद्र सिंह ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र भेजा है। विभाग ने अपने पत्र में कहा है कि स्कूली बच्चों के खाते में साईकिल, पोशाक, छात्रवृत्तिः और किशोरी स्वास्थ्य योजनाओं की राशि का भुगतान किया जा रहा है। इसको लेकर विद्यालयों में अभिभावक-शिक्षक बैठक कर सभी से शपथपत्र लेना है। साथ ही अभिभावक विद्यालय की पंजी में भी हस्ताक्षर करेंगे, जिसमें योजनाओं का पूरा ब्योरा अंकित रहेगा।

विभाग ने पूर्व में फैसला लिया था कि उन्हीं छात्र-छात्राओं के बैंक खाते में राशि का भुगतान किया जाएगा, जिनके खाते की आधार सिडिंग है। पर, शिक्षा विभाग ने समीक्षा में पाया कि 25 प्रतिशत से भी कम छात्र-छात्राओं के बैंक खाते आधार से जुड़े हुए हैं। इसके बाद विभाग ने जिलों को निर्देश दिया गया कि अभियान चलाकर बच्चों के बैंक खाते की आधार सिडिंग कराएं।

बड़ी समस्या यह थी कि कक्षा एक से आठ के विद्यार्थियों के अभिभावकों के खाते में भी राशि भुगतान का प्रावधान है। इन कक्षाओं के अधिकतर बच्चों का अपना बैंक खाता है ही नहीं। ऐसे में खाते की आधार सिडिंग मुश्किल भरा कार्य है। इसके अलावा अन्य बच्चों के खाते की भी आधार सिडिंग अभी नहीं हो पायी है। इसको देखते हुए विभाग ने अपना फैसला बदला।

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