खेलों में बनाये अपना कैरियर | खिलाड़ी बन कमाये नाम सोहरत और दौलत | जानिए कैसे बने खिलाड़ी

खेलों में बनाये अपना कैरियर | खिलाड़ी बन कमाये नाम सोहरत और दौलत | जानिए कैसे बने खिलाड़ी

खेलों में बनाये अपना कैरियर:- भारत में लोग खेलों से भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं, हालांकि अन्य खेलों की तुलना में क्रिकेट और फुटबॉल के प्रति दीवानगी सबसे ज्यादा देखी जाती है. लेकिन, भारत में वर्ष 2010 में राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन के बाद खेल की अन्य विधाओं के प्रति भी लोगों का नजरिया तेजी से बदला और खेल में रुचि रखनेवाले छात्रों के प्रति अभिभावकों एवं शिक्षकों के सकारात्मक सहयोग में भी इजाफा हुआ, सरकार युवा प्रतिभाओं को निखारने के लिए ‘खेलो इंडिया’ जैसी योजनाओं के माध्यम से खेलों को सक्रिय रूप से बढ़ावा देती है.

क्रिकेट में आईपीएल, फुटबॉल में आईएसएल और प्रो कबड्डी लीग जैसे आयोजनों के साथ लोगों की खेलों में रुचि लगातार बढ़ी है. आज स्पोर्ट्स एक बेहतरीन करियर विकल्प बन चुका है, जिसमें आप अपनी खेल प्रतिभा एवं अभ्यास के बल पर न सिर्फ देश के लिए मेडल जीत सकते हैं, एक बेहतरीन करियर का भी आगाज कर सकते हैं

इन सवालों के जवाब में ही आपकी स्पोर्ट्स में आगे बढ़ने की चाबी छुपी है. भारत में स्पोर्ट्स पर्सन कैसे बनें! इसके लिए पहला कदम है एक खेल का चयन करना, जिसमें आपकी रुचि हो. किसी खेल की सिर्फ इस वजह से न चुनें, क्योंकि आप उसे देखना पसंद करते हैं, बल्कि इसलिए चुनें क्योंकि आप उसे खेलना पसंद करते हैं. इसके बाद अपनी स्ट्रेंथ का आकलन करें. कोचिंग की सुविधा और खेल की वित्तीय जरूरतों पर भी रिसर्च जरूरी है. इसके लिए स्कॉलरशिप, सीएसआर फंड के बारे में जानकारी हासिल कर आवेदन करें. इसके बाद आगे बढ़ने के लिए अपने खेल में अभ्यास और अनुशासन को संजीदगी से अपनाएं, खेल प्रतियोगिताओं में भाग लें, लक्ष्य तय करें और मेंटर्स से बात करें.

आप स्कूल या कॉलेज में आयोजित होने वाली खेल प्रतियोगिताओं से शुरुआत कर सकते हैं. राज्य की खेल टीम में अपनी जगह बना सकते हैं. खेल में बेहतर प्रदर्शन करते हैं, तो एक खिलाड़ी के रूप में भारतीय खेल प्राधिकरण (एसएआई) के विभिन्न संस्थानों से प्रशिक्षण प्राप्त करने का मौका मिल सकता है. एसएआई के तहत विभिन्न संस्थान और अकादमियां हैं

  • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स,पटियाला
  • लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन, ग्वालियर
  • लक्ष्मीबाई नेशनल कॉलेज फॉर फिजिकल एजुकेशन, तिरुवअनंतपुरम
  • नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी, मणिपुर इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल
  • एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स साइंस, नयी दिल्ली
  • टाटा फुटबॉल अकादमी, जमशेदपुर

आज राष्ट्रीय खेल दिवस है. हॉकी के दिग्गज मेजर ध्यानचंद की जयंती के सम्मान में हर साल 29 अगस्त को भारत में मनाया जाने वाला यह दिन जीवन में खेल गतिविधियों की अहमियत से रूबरू कराता है. देश में राष्ट्रीय खेल दिवस मनाने की शुरुआत वर्ष 2012 में हुई थी. इस बीते एक दशक में भारतीय खेल परिदृश्य तेजी से बदला है. वर्ष 2018 में खेलो इंडिया की शुरुआत हुई और खेल एवं खिलाड़ियों के प्रति लोगों का नजरिया सकारात्मक रुख के साथ बदलता गया. आज बड़े पैमाने पर युवा बतौर खिलाड़ी स्वयं को आगे बढ़ाने का सपना देखते हैं. आप अगर किसी खेल में रुचि रखते है और स्पोर्ट्स पर्सन बनना चाहते हैं, तो जाने कैसे कदम-दर-कदम आगे बढ़ सकते है…

आ हार विशेषज्ञ यानी न्यूट्रिशनिस्ट के बारे में आपने खूब सुना है. इस क्रम में एक नया करिवर स्पोर्ट्स न्यूट्रिशनिस्ट भी तेजी से उभर रहा है. खिलाड़ियों के खान-पान पर विशेष सलाह के लिए स्पोर्ट्स क्लबों में बाकायदा स्पोट्र्स न्यूट्रिशन विशेषज्ञ की नियुक्ति होने लगी है, प्रसिद्ध खिलाड़ियों के निजी स्पोर्ट्स न्यूट्रिशनिस्ट होते हैं. यह एक प्रतिष्ठित जिसमें आगे बढ़ने के करियर है

हर साल 1 से 7 सितंबर तक, भारत में राष्ट्रीय पोषण सप्ताह मनाया जाता है. सही पोषण और स्वास्थ्य का गहरा संबंध है. खिलाडियों के लिए, तो यह बेहद अहम है. यही वजह है कि उन्हें एक अच्छे स्पोटर्स न्यूट्रिशनिस्ट की सलाह की जरूरत होती है. इसलिए स्पोर्ट्स न्यूट्रिशनिस्ट एक बेहतरीन करियर विकल्प बन चुका है. जाने इस करियर के लिए जरूरी कोर्स एवं इसके बाद मौजूद संभावनाओं के बारे मे

खिलाड़ियों को फिट रहने के लिए वजन कम करने से ज्यादा आहार पर ध्यान देना आवश्यक होता है. इसमें स्पोर्ट्स न्यूट्रिशनिस्ट अहम भूमिका निभाते हैं. खिलाड़ी को अधिक कैलोरी व प्रोटीन की जरूरत होती है, उम्र और खेल के अनुसार इस जरूरत का ध्यान रखते हुए खिलाड़ियों का आहार तय करना स्पोर्ट्स न्यूट्रिशनिस्ट का कार्य है. किसी भी स्पोर्ट्स टीम को मैदान में खिलाड़ियों के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को सुनिश्चित करने के लिए स्पोर्ट्स न्यूट्रिशनिस्ट की जरूरत होती है. स्पोर्ट्स न्यूट्रिशनिस्ट एथलीटों और उनके कोच के साथ व्यक्तिगत रूप से काम करते है. चूंकि एथलीट या खिलाड़ी का प्रदर्शन उनके आहार से बहुत प्रभावित होता है, इसलिए वे पेशेवर राज्य या देश को पदक दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. आमतौर पर स्पोर्ट्स न्यूट्रिशनिस्ट की जॉब के लिए पोस्ट ग्रेजुएट डिग्रीवाले अनुभवी विशेषज्ञों को प्राथमिकता दी जाती है.

स्पोर्ट्स न्यूट्रिशनिस्ट बनने के लिए बीएससी (फूड साइंस एंड न्यूट्रिशन) जरूरी है. 12वीं पास करके मेडिकल स्ट्रीम में जानेवाले , न्यूट्रिशन या डाइटेटिक्स में बैचलर डिग्री लेनेवाले इस करियर को चुन सकते हैं. फूड साइंस एंड न्यूट्रिशन या डाइटेटिक्स या न्यूट्रिशन में बैचलर डिग्री कोर्स करके जॉब शुरू कर सकते हैं या स्पोर्ट्स न्यूट्रिशन या इससे संबंधित विषय में मास्टर कोर्स करके आगे बढ़ सकते हैं. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन- एमएससी (स्पोर्ट्स न्यूट्रिशन), इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) मास्टर ऑफ साइंस इन डाइटेटिक्स एंड फूड सर्विस मैनेजमेंट न्यूट्रिशनल बायोकेमिस्ट्री, अन्नामलाई यूनिवर्सिटी एमएससी इन डाइटेटिक्स, यूनिवर्सिटी ऑफ केरल- मास्टर ऑफ साइंस इन डाइटेटिक्स, यूनिवर्सिटी ऑफ मुंबई- मास्टर ऑफ साइंस इन डाइटेटिक्स कोर्स संचालित करती है.

स्पोर्ट्स न्यूट्रिशनिस्ट के तौर पर करियर शुरू करने के लिए किसी प्रतिष्ठित संस्थान, जैसे एकेडमी ऑफ न्यूट्रिशन एंड डाइटेटिक्स से प्रमाणित होना जरूरी है. एक स्पोट्र्स न्यूट्रिशनिस्ट के पास गवर्नमेंट, प्राइवेट एवं पब्लिक सेक्टर में आगे बढ़ने के कई रास्ते होते हैं. आप स्पोर्ट्स डाइटीशियन, डाइटेटिक्स एंड न्यूट्रिशन परफॉर्मिस के असिस्टेंट प्रोफेसर, डाइटीशियन एथलेटिक्स आदि के तौर पर भी आगे बढ़ सकते हैं.

प्रशिक्षण प्रदान करती हैं. एसएआई के अलावा कई राज्य स्तरीय और निजी संगठन हैं, जो खिलाड़ियों को आगे बढ़ाते हैं. इसके बाद देश के लिए खेल सकते हैं. आप अपने खेल के प्रति जितने जुनूनी होंगे व आपका प्रदर्शन जितना अच्छा होगा, आगे बढ़ने के रास्ते भी उतनी ही तेजी से खुलेंगे. स्पोर्ट्स पर्सन के पास आगे चलकर ट्रेनर और कोच के तौर पर भी काम करने का मौका होता है. भारत में खेल के बारे में विस्तृत जानकारी खेलो इंडिया वेबसाइट https://web.kheloindia.gov. in/hi से भी हासिल कर सकते हैं

खेल में रुचि रखते हैं, तो जरूरी नहीं कि आप स्वयं को एक खिलाड़ी के तौर पर ही आगे बढ़ायें, कई तरह के अन्य विकल्प भी है, जो आपको एक अच्छे करियर के साथ स्पोट्र्स से जुड़े रहने का मौका देते हैं, आप स्पोट्र्स मैनेजमेंट में एमबीए या डिप्लोमा कोर्स कर स्पोट्र्स मैनेजर के तौर पर करियर बना सकते है. बीते कुछ वर्षों में स्पोर्ट्स साइकोलॉजी कंसल्टेंट की मांग भी बढ़ी है. खिलाड़ियों को मानसिक तौर पर स्वस्थ रखने में स्पोट्र्स साइकोलॉजी कंसल्टेंट उनकी मदद करते हैं.

इस प्रोफेशन को अपनाने के लिए आपको साइकोलॉजी में बीए या बीएससी करने के मास्टर या डॉक्टोरल लेवल भी पूरा करना होगा, साथ ही आपको एसोसिएशन फॉर अप्लाइड स्पोट्र्स साइकोलॉजी में रजिस्ट्रेशन भी करना होगा. आप अगर खेली में रुचि रखने के साथ इनके बारे में लिखना पसंद करते है, तो स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट भी बन सकते हैं. इसके अलावा खेल की दुनिया में स्पोट्र्स टीचर, कोच, स्पोट्र्स लॉयर एवं फिटनेस एक्सपर्ट के रूप में भी बेहतरीन मौके मौजूद है.

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