पटना साइंस कॉलेज अब आर्ट्स कॉमर्स और बीएड की पढ़ाई- साइंस कॉलेज में भी अब आर्ट्स और कॉमर्स की पढ़ाई होगी। कॉलेज ने बीए और बीकॉम कोर्स खोलने के संबंध में पटना विश्वविद्यालय को प्रस्ताव भेजा है। विवि के एकेडमिक काउंसिल से स्वीकृति के बाद उसे राजभवन भेजा जाएगा। इन दोनों कोर्स के अलावा इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स (बीएससी-बीएड) को भी कॉलेज में शुरू किया जाएगा। इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स शुरू करने को लेकर भी विवि को पत्र भेजा गया है, उसके बाद नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) से स्वीकृति ली जाएगी। ये कोर्स फिलहाल सेल्फ फाइनेंस मोड में चलेंगे।
पटना साइंस कॉलेज में अब आर्ट्स और कॉमर्स की पढ़ाई होगी, 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स भी शुरू होगा… प्रस्ताव विवि को
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) मल्टीडिस्पिलनरी यानी अलग-अलग संकायों की पढ़ाई एक ही छत के नीचे कराने की बात कहती है। मिली जानकारी के अनुसार सिर्फ साइंस यानी एक संकाय के विषयों से स्नातक की वजह से नैक में ग्रेड ठीक नहीं आ रहे हैं।
क्योंकि अन्य कॉलेजों में सभी विषय पढ़ाये जाते हैं, साइंस कॉलेज से छोटा कॉलेज होने के बाद भी नैक में उन्हें अच्छा ग्रेड मिल जा रहा है। नैक में पहले से कॉलेज को बी ग्रेड प्राप्त है। 2019 में ही यह ग्रेड मिला है, उसका पांच साल हो गया है, अब कॉलेज को नये साइकिल के लिए तैयार होना है। उसमें इसका लाभ मिलेगा।
पहले पटना कॉलेज ने भी बीएससी शुरू करने को लेकर भेजा था प्रस्ताव
पटना कॉलेज ने भी साइंस की पढ़ाई कराने का प्रस्ताव विवि को भेजा था। उसके बाद उक्त प्रस्ताव को एकेडमिक काउंसिल में रखा था। पटना कॉलेज के बाद अब साइंस कॉलेज ने बीए और बीकॉम खोलने का प्रस्ताव रखा है। पटना कॉलेज के पूर्व प्राचार्य प्रो संजय कुमार सिन्हा ने बताया कि पटना कॉलेज का प्रस्ताव विवि एकेडमिक काउंसिल से पास है। लेकिन सरकार के पास वह अभी भी विचाराधीन है।
पटना कॉलेज के प्राचार्य प्रो अनिल कुमार ने कहा कि
सरकार से स्वीकृति मिलती है, तो साइंस की पढ़ाई शुरू कर दी जायेगी। एनसीटीई के नियमों के तहत इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स शुरू करने का है प्रावधान एनईपी के तहत ही बीएड को लेकर एनसीटीई के नये नियमों के अनुसार अब सामान्य कॉलेज भी इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स चला सकते हैं। उसके लिए आवेदन कर सकते हैं।
एनईपी में मल्टीडिस्पिलनरी विषयों को पढ़ाने का है प्रावधान, उसी के तहत भेजा गया प्रस्ताव
कॉलेज में सभी विभागाध्यक्षों से विचार के बाद एनईपी के तहत बीए व बीकॉम तथा बीएससी-बीएड कोर्स शुरू करने का निर्णय लिया है। सभी कोर्स सेल्फ फाइनेंस मोड में होंगे। पटना विवि में साइंस ब्लॉक के निर्माण के बाद कॉलेज से सभी पीजी विभाग उसमें शिफ्ट होंगे, उन खाली जगहों पर ही इन सभी नये विभागों को शिफ्ट कर दिया जाएगा
पटना साइंस कॉलेज में अब आर्ट्स और कॉमर्स की पढ़ाई होगी | NEP 2020 के तहत बड़ा बदलाव
पटना साइंस कॉलेज अब सिर्फ साइंस संकाय तक सीमित नहीं रहेगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) के मल्टीडिसिप्लिनरी मॉडल को अपनाते हुए कॉलेज ने BA और B.Com कोर्स शुरू करने का प्रस्ताव पटना विश्वविद्यालय को भेज दिया है। इसके साथ ही कॉलेज में 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड B.Sc–B.Ed कोर्स संचालित करने की भी प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह कदम बिहार में उच्च शिक्षा की दिशा में बड़ा बदलाव माना जा रहा है।
मुख्य बिंदु (Highlights)
- पटना साइंस कॉलेज में BA और B.Com की पढ़ाई शुरू करने का प्रस्ताव भेजा गया।
- 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड B.Sc–B.Ed कोर्स भी शुरू किया जाएगा।
- सभी कोर्स सेल्फ फाइनेंस मोड में चलेंगे।
- प्रस्ताव पहले PU Academic Council में, फिर राजभवन भेजा जाएगा।
- मल्टीडिसिप्लिनरी मॉडल लागू होने से NAAC ग्रेड सुधारने में मदद मिलेगी।
- पटना कॉलेज ने भी पहले B.Sc कोर्स शुरू करने का प्रस्ताव भेजा था।
NEP 2020 क्यों कहता है मल्टीडिसिप्लिनरी शिक्षा जरूरी?
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का मुख्य उद्देश्य एक ही संस्थान में अलग-अलग विषयों की पढ़ाई उपलब्ध कराना है।
इसके कई फायदे हैं:
- छात्रों को अधिक विकल्प मिलते हैं
- करियर चुनने में स्वतंत्रता
- NAAC ग्रेडिंग में बेहतर स्कोर
- संसाधनों का बेहतर उपयोग
- शिक्षण संस्थानों की समग्र क्षमता बढ़ती है
इसी नीति के तहत अब साइंस कॉलेज में आर्ट्स और कॉमर्स संकाय जोड़े जा रहे हैं।
पटना साइंस कॉलेज ने क्यों लिया यह फैसला?
पटना साइंस कॉलेज में अब तक सिर्फ साइंस संकाय की पढ़ाई होती थी। NAAC मूल्यांकन में एक ही संकाय वाले कॉलेज को अच्छा ग्रेड नहीं मिलता। 2019 में कॉलेज को NAAC B ग्रेड मिला था और नई ग्रेडिंग साइकिल के लिए तैयारी चल रही है।
मल्टीडिसिप्लिनरी मॉडल अपनाने से–
- अधिक विभाग खुलेंगे
- छात्र संख्या बढ़ेगी
- शिक्षकों की नियुक्ति बढ़ेगी
- NAAC ग्रेड में सुधार होगा
इसलिए कॉलेज प्रशासन ने BA और B.Com शुरू करने का फैसला लिया है।
BA और B.Com शुरू करने की प्रक्रिया क्या है?
1. कॉलेज ने प्रस्ताव पटना विश्वविद्यालय को भेजा
बीए और बीकॉम कोर्स खोलने का प्रस्ताव सबसे पहले पटना विश्वविद्यालय को भेजा गया है।
2. Academic Council की स्वीकृति
PU Academic Council प्रस्ताव की समीक्षा करेगी और मंजूरी देगी।
3. राजभवन भेजा जाएगा प्रस्ताव
एसी से स्वीकृति मिलने के बाद प्रस्ताव राजभवन (Governor Office) भेजा जाएगा।
4. स्वीकृति मिलने पर कोर्स शुरू
सरकार/राजभवन की मंजूरी मिलते ही कोर्स शुरू कर दिए जाएंगे।
इंटीग्रेटेड B.Sc–B.Ed कोर्स क्यों शुरू होगा?
NEP-2020 और NCTE के नए नियमों के अनुसार अब सामान्य डिग्री कॉलेज भी 4-year Integrated B.Ed कोर्स चला सकते हैं। इस कोर्स में छात्र एक साथ Graduation + B.Ed पूरा कर सकते हैं।
फायदे
- कुल 4 साल में दो डिग्री
- शिक्षक बनने का तेज रास्ता
- प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बेहतर तैयारी
- समय और पैसे दोनों की बचत
पटना साइंस कॉलेज के लिए यह एक बड़ा अवसर है कि वह शिक्षक प्रशिक्षण के क्षेत्र में भी उत्कृष्टता हासिल करे।
सेल्फ फाइनेंस मोड में कोर्स क्यों?
नए कोर्स सेल्फ फाइनेंस मोड में शुरू किए जाएंगे, यानी—
- कॉलेज अपनी वित्तीय व्यवस्था खुद संभालेगा
- फीस थोड़ी अधिक होगी
- सरकारी बजट पर भार नहीं पड़ेगा
- संसाधन और स्टाफ कॉलेज खुद तैयार करेगा
यह मॉडल बिहार के कई कॉलेज पहले से अपना रहे हैं।
पटना कॉलेज ने भी भेजा था प्रस्ताव
पटना कॉलेज के पूर्व प्राचार्य प्रो. संजय कुमार सिन्हा ने बताया कि कॉलेज ने पहले ही B.Sc शुरू करने का प्रस्ताव भेजा था जो Academic Council से पास भी है। अब साइंस कॉलेज भी BA/B.Com शुरू करने की दिशा में आगे बढ़ चुका है।
यानी, पूरा पटना विश्वविद्यालय मल्टीडिसिप्लिनरी मॉडल की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है।
कॉलेज प्रशासन की क्या तैयारी है?
प्राचार्या प्रो. अलका ने बताया—
- सभी विभागाध्यक्षों से चर्चा कर निर्णय लिया गया
- BA, B.Com और Integrated B.Ed कोर्स NEP के अनुसार शुरू होंगे
- नए साइंस ब्लॉक बनने के बाद PG विभाग वहाँ शिफ्ट किए जाएंगे
- खाली जगह में नए विभाग खोले जाएंगे
इससे कॉलेज में जगह और संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा।
छात्रों को क्या लाभ मिलेगा?
- एक ही कॉलेज में अलग-अलग विषयों की पढ़ाई
- नौकरी और करियर के अधिक विकल्प
- इंटीग्रेटेड कोर्स से तेजी से शिक्षक बनने का अवसर
- मल्टीडिसिप्लिनरी ज्ञान से प्रतियोगी परीक्षाओं में फायदा
- कॉलेज की NAAC रेटिंग सुधरेगी, जिससे डिग्री की वैल्यू भी बढ़ेगी
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