बिहार यूनिवर्सिटी स्नातक डिग्री में बडा़ बदलाव- स्नातक के विधार्थी जरूर देखें:-बिहार की विश्वविद्यालय शिक्षा प्रणाली में एक बड़ा और ऐतिहासिक बदलाव किया गया है। बिहार यूनिवर्सिटी (Bihar University) के अंतर्गत आने वाले स्नातक (UG) छात्रों के लिए डिग्री, मार्कशीट, परीक्षा प्रणाली और इंटर्नशिप को लेकर नए नियम लागू किए गए हैं। इन बदलावों का सीधा असर लाखों छात्रों पर पड़ेगा, खासकर उन विद्यार्थियों पर जो वर्तमान में स्नातक की पढ़ाई कर रहे हैं या आने वाले सत्रों में एडमिशन लेने वाले हैं।
यह निर्णय विश्वविद्यालय परीक्षा बोर्ड की उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया है, जिसकी अध्यक्षता कुलपति द्वारा की गई। बैठक में शिक्षा व्यवस्था को पारदर्शी, तकनीकी रूप से मजबूत और रोजगारोन्मुखी बनाने पर जोर दिया गया।
इस लेख में हम आपको बिहार यूनिवर्सिटी स्नातक डिग्री में हुए सभी बड़े बदलावों को विस्तार से, सरल भाषा में और छात्र हित को ध्यान में रखते हुए समझा रहे हैं।
बीआरएबीयू की डिग्री पर अब सिर्फ अंग्रेजी में ही नाम
बीआरएबीयू से मिलने वाली डिग्री पर छात्र-छात्राओं के नाम सिर्फ अंग्रेजी में ही लिखे रहेंगे। कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र राय की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई परीक्षा बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया गया। अबतक डिग्री पर हिन्दी और अंग्रेजी दोनों में विद्यार्थियों के नाम रहते थे।
परीक्षा बोर्ड की बैठक में यह तय किया गया कि
स्नातक सत्र 2021-24 की डिग्री छापकर कॉलेजों का भेज दी जाये। बैठक में डीएसडब्ल्यू प्रो. आलोक प्रताप सिंह, परीक्षा नियंत्रक प्रो. रामकुमार, उप परीक्षा नियंत्रक डॉ. रेणुबाला, डॉ. विपुल वर्णवाल, डॉ. आनंद दुबे, सभी संकाय अध्यक्ष और सदस्य सचिव मौजूद थे।
बैठक में तय किया गया कि
स्नातक और पीजी की मार्क्सशीट पर पेपर नंबर के नाम लिखे जाएंगे। अबतक पेपर के नंबर लिखे रहते थे। इसके अलावा सीजीपीए साथ उसे अंक प्रतिशत में बदलने के लिए एक फॉर्मूला भी लिखा रहेगा ताकि के दूसरे विवि में बीआरएबीयू के छात्रों को कोई परेशानी नहीं हो।
पेंडिंग रिजल्ट वालों के लिए होगी विशेष परीक्षा
स्नातक सत्र 2022-25 में जिन छात्रों का रिजल्ट प्रमोटेड है या उनका रिजल्ट पेंडिंग है, उनके लिए एक विशेष परीक्षा का आयोजन किया जायेगा। इसके अलावा कई छात्रों के लिए पार्ट वन और पार्ट टू की भी विशेष परीक्षा होगी। किस सत्र के कितने छात्रों की परीक्षा छूट गई है, इसका ब्योरा तैयार किया जायेगा। उसके बाद परीक्षा की तैयारी शुरू की जायेगी। बीआरएबीयू में स्नातक पार्ट श्री सत्र 2022-25 में कई छात्रों के रिजल्ट पेंडिंग हो गये हैं। जिन छात्रों के रिजल्ट या कापी नहीं मिल रहे हैं, उनका टेबुलेशन रजिस्टर खोजने का भी फैसला लिया गया।
इंटर्नशिप के लिए बनेगी कमेटी
स्नातक के चौथे सेमेस्टर में छात्रों की इंटर्नशिप का मुद्दा भी उठा। तय किया गया कि डीएसडब्ल्यू की अध्यक्षता में एक कमेटी बनेगी। उम्मीद जताई जा रही है कि फरवरी में यह इंटर्नशिप शुरू होगी। इंटर्नशिप चार क्रेडिट का होगा।
डिग्री पर अब परीक्षा नियंत्रक के डिजिटल साइन
डिग्री पर परीक्षा नियंत्रक के डिजिटल साइन होंगे। पहले डिग्री पर सिर्फ कुलपति के डिजिटल साइन होते थे। इसके साथ डिग्री पर सहायक कुलसचिव के मैन्यूअल हस्ताक्षर भी होंगे। सहायक कुलसचिव के नहीं रहने पर डिप्टी कंट्रोलर भी साइन कर सकते हैं। डिग्री को जल्दी तैयार करने के लिए यह नयी प्रक्रिया शुरू की जा रही है। अबतक सभी डिग्रियों पर परीक्षा नियंत्रक खुद मैन्यूअल साइन करते थे।
स्नातक पांचवें सेमेस्टर के विद्यार्थियों को 60 घंटे की इंटर्नशिप करना अब अनिवार्य
वीआरएबीयू में नयी शिक्षा नीति के तहत स्नातक सत्र 23-27 के छात्र छात्राओं के लिए शैक्षणिक ढांचा अब पूरी तरह बदलने जा रहा है. कुलपति प्रो दिनेश चंद्र राय की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई परीक्षा बोर्ड की बैठक में कई अहम निर्णय लिए गये. विवि अब स्नातक के 5वें सेमेस्टर में छात्रों के लिए इंटर्नशिप का विशेष मॉडल तैयार करेगा, जिसे पूरा करना हर हाल में अनिवार्य होगा. विवि की योजना के अनुसार, स्नातक के 5वें सेमेस्टर में प्रवेश करने वाले 90 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं को 60 घंटे की इंटर्नशिप करनी होगी. इसके लिए चार क्रेडिट तय किये गये हैं.
परीक्षा बोर्ड की बैठक, मार्कशीट और डिग्री के नियमों में किया बदलाव
परीक्षा बोर्ड ने तय किया है कि उच्चस्तरीय कमेटी गठित की जायेगी, जो यह निश्चित करेगी कि इंटर्नशिप कहां और किस माध्यम से की जायेगी. खास बात यह है कि जो छात्र इंटर्नशिप पूरा नहीं करेंगे, उनका रिजल्ट जारी नहीं होगा. चौथे सेमेस्टर की परीक्षाएं अगले सप्ताह समाप्त हो रही हैं, जिसके तुरंत बाद इंटर्नशिप की प्रक्रिया शुरू होगी.
सिस्टम : मार्कशीट पर दर्ज होगा कन्वर्जन फॉर्मूला
सेमेस्टर सिस्टम व सीबीसीएस के तहत बननेवाली नयी मार्कशीट के फॉर्मेट पर भी सहमति बन गई है. अब मार्कशीट पर अंकों की जगह क्रेडिट स्कोर और सीजीपीए अंकित रहेगा. छात्रों की सुविधा के लिए इस बार मार्कशीट पर ही कंवर्जन फॉर्मूला छापा जायेगा, ताकि छात्र खुद अपने सीजीपीए को प्रतिशत में बदल सकें. इसके अलावा, मार्कशीट पर पेपर कोड के साथ-साथ अब पेपर का पूरा नाम भी लिखा जायेगा, जिससे दूसरे विश्वविद्यालयों में नामांकन के समय छात्रों को कठिनाई न हो.
राहत : डिग्री और छूटी हुई परीक्षाओं पर निर्णय
बैठक में स्नातक सत्र 2021-24 की डिग्री को लेकर भी बड़ा फैसला हुआ. अब डिग्री पर छात्रों का नाम केवल अंग्रेजी में रहेगा. हिंदी में होने वाली लिपिकीय त्रुटियों व बढ़ते वर्कलोड को कम करने के लिए यह निर्णय लिया गया है. वहीं, 30 अक्तूबर को रैली के कारण ट्रेनें रुकने से जिन छात्रों की पीजी चौथे सेमेस्टर की परीक्षा छूटी थी, उन्हें परीक्षा बोर्ड ने राहत दी है. ऐसे छात्रों को न्यूनतम पासिंग मार्क्स देकर उत्तीर्ण करने व उनका रिजल्ट जारी करने की स्वीकृति दी है.
छात्रों ने जाना, सीए व अन्य क्षेत्रों में कैसे मिलेगी नौकरी
इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया की कमेटी ऑन कॅरियर की जिला शाखा ने शिवहर के राजकीय उच्च विद्यालय, कमरौली व राजकीय उच्च विद्यालय सुंदरपुर में कौशल संवर्धन व कॅरियर काउंसेलिंग की. छात्रों ने जाना कि वे सीए कैसे बन सकते हैं. आइसीएआइ चेयरमैन सीए शशि भूषण कुमार व सीए संतोष झा ने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया. कमरौली के प्रधानाचार्य विनयेश कुमार व सुंदरपुर के प्रधानाचार्य धनंजय झा सहित अन्य मौजूद रहे.
बिहार यूनिवर्सिटी स्नातक डिग्री में क्या-क्या बदला है?
नए फैसलों के तहत निम्नलिखित मुख्य बदलाव किए गए हैं:
- डिग्री पर छात्र का नाम केवल अंग्रेज़ी (English) में होगा
- डिग्री पर परीक्षा नियंत्रक का डिजिटल सिग्नेचर अनिवार्य
- मार्कशीट में CBCS सिस्टम के तहत नया फॉर्मेट
- स्नातक 5वें सेमेस्टर में 60 घंटे की इंटर्नशिप जरूरी
- फेल या छूटी परीक्षा वाले छात्रों को विशेष परीक्षा की सुविधा
- रिजल्ट और डिग्री वितरण प्रक्रिया को तेज किया जाएगा
आइए अब इन सभी बिंदुओं को एक-एक करके विस्तार से समझते हैं।
छात्रों के लिए जरूरी सलाह
- अपना नाम English spelling में सही करवा लें
- 5वें सेमेस्टर के छात्र अभी से इंटर्नशिप की योजना बनाएं
- मार्कशीट और डिग्री से जुड़े नए नियमों को गंभीरता से समझें
- किसी भी अपडेट के लिए विश्वविद्यालय/कॉलेज नोटिस पर नजर रखें
निष्कर्ष (Conclusion)
बिहार यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए ये बदलाव छात्रों के भविष्य, रोजगार और उच्च शिक्षा को ध्यान में रखकर लिए गए हैं।
डिग्री का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्य होना, इंटर्नशिप के जरिए प्रैक्टिकल अनुभव और डिजिटल व्यवस्था—ये सभी कदम शिक्षा प्रणाली को मजबूत बनाते हैं।
यदि आप स्नातक के छात्र हैं, तो यह बदलाव आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं और इन्हें नजरअंदाज करना नुकसानदायक हो सकता है।
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