बिहार विश्वविद्यालय स्नातक के सिलेबस में बडा़ बदलाव – जल्दी देखें

बिहार विश्वविद्यालय स्नातक के सिलेबस में बडा़ बदलाव - जल्दी देखें

बिहार विश्वविद्यालय स्नातक के सिलेबस में बडा़ बदलाव – जल्दी देखें:-बिहार के सभी पारंपरिक विश्वविद्यालयों का सिलेबस अपडेट किया जायेगा। उच्च शिक्षा निदेशालय इसपर काम कर रहा है। जल्द ही इसे बीआरएबीयू समेत सभी विश्वविद्यालयों में लागू किया जायेगा।

इसके अलावा उच्च शिक्षा निदेशालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्नातक के छात्रों को कॉलेजों में स्थानीय भाषाओं में पढ़ाई कराने पर भी विचार कर रहा है। बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद की शैक्षिक सुधार समिति के सदस्य प्रो. मनेंद्र कुमार ने बताया कि स्नातक के सिलेबस में नैतिक शिक्षा और कौशल विकास से जुड़े कोर्स जोड़ने पर काम किया जा रहा है। छात्रों को कौशल विकास से जुड़े कोर्स पढ़ने से उन्हें रोजगार के क्षेत्र में मदद मिलेगी। नैतिक शिक्षा के कोर्स को पढ़ने से छात्रों में नैतिक विकास भी होगा।

उच्च शिक्षा निदेशालय स्नातक में सेमेस्टर सिस्टम से पढ़ाई को लेकर सभी छात्रों से उनकी राय भी जानेगा। सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया गया है वह अपने यहां के छात्रों से सेमेस्टर सिस्टम के बारे में राय लें।

विश्वविद्यालयों के अलावा उच्च शिक्षा निदेशालय की शैक्षिक सुधार समिति के सदस्य भी कॉलेजों में जाकर छात्रों से सेमेस्टर सिस्टम के बारे में उनकी राय जानेंगे। छात्रों से पूछा जायेगा कि सेमेस्टर सिस्टम में सिलेबस पूरा हो रहा है या नहीं, तय क्रेडिट के अनुसार पढ़ाई हो रही है या नहीं। इस फीडबैक की रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी जायेगी।

  • नैतिक शिक्षा व कौशल विकास के कोर्स जुड़ेंगे, छात्रों को होगी सुविधा
  • स्थानीय भाषा में पढ़ाई पर भी किया जा रहा विचार, तैयारी जारी
  • उच्च शिक्षा निदेशालय कर रहा इसकी तैयारी

उच्च शिक्षा निदेशालय विश्वविद्यालयों में शोध को बढ़ावा देने के लिए भी रणनीति तैयार कर रहा है। इसके लिए शैक्षिक सुधार समिति को टास्क सौंपा गया है। नये विषयों पर शोध किया जाये और उसके लिए सभी संसाधन विश्वविद्यालयों में मौजूद हों।

उच्च शिक्षा निदेशालय ने स्नातक में सीबीसीएस सिस्टम के तहत होनेवाली मल्टीपल इंट्री और एक्जिट कितनी हुई, इसके बारे में सभी विश्वविद्यालयों से जानकारी मांगी है। इस व्यवस्था में छात्रों को कोई परेशानी तो नहीं हो रही है, इसके बारे में भी पूछा गया है। जल्द ही विश्वविद्यालयों के साथ उच्च शिक्षा निदेशालय में बैठक होगी। इस बैठक में मल्टीपल इंट्री और एग्जिट में छात्रों को परेशानी नहीं हो, इसपर चर्चा की जायेगी।

नीचे उन प्रमुख बदलावों का सार है जो नए सिलेबस में किए गए हैं:

अगर आप इस नए सिलेबस में नामांकन लेने वाले या वर्तमान छात्र हैं, तो निम्न सुझाव आपके काम आ सकते हैं:

  1. नए सिलेबस को ध्यान से पढ़ें
    — सेमेस्टर व विषयों की सूची, अनिवार्य विषय, क्रेडिट संरचना आदि को समझें।
  2. क्रेडिट और ग्रेड सिस्टम को समझें
    — ग्रेड कैसे मिलती है, क्रेडिट कैसे गिने जाते हैं, पासिंग मानदंड क्या है।
  3. वैकल्पिक (Elective / Minor) विषयों का चयन सोच-समझ कर करें
    — अपनी रुचि और करियर संभावनाओं को ध्यान में रखकर विषय चुनें।
  4. समय प्रबंधन और योजनाबद्ध अध्ययन करें
    — सेमेस्टर आधारित मॉडल होने के कारण समय पर अध्ययन करें, नियमित रूप से तैयारी करें।
  5. अधिकतम संसाधन (पाठ्य पुस्तक, संदर्भ पुस्तक, ऑनलाइन सामग्री) जुटाएँ
    — नए विषयों के लिए इंटरनेट, ई-बुक, वीडियो लेक्चर आदि का सहारा लें।
  6. शिक्षक एवं विभाग से संवाद करें
    — यदि किसी विषय में अस्पष्टता हो, तुरंत शिक्षक या विभाग से सलाह लें।
  7. छात्र फीडबैक दें
    — यदि विश्वविद्यालय छात्रों की राय ले रहा है (जैसा कि कहा गया है) तो अपनी समस्या और सुझाव साझा करें।
  1. BRABU (Babasaheb Bhimrao Ambedkar Bihar University)
    — BRABU ने नए सत्र 2025–29 के लिए BA / BSc / BCom का नया सिलेबस जारी किया है जिसमें उपरोक्त संरचना (MJC, MIC, MDC, SEC, VAC, AEC आदि) शामिल है।
    — विश्वविद्यालय अपनी वेबसाइट पर नया UG CBCS सिलेबस सूचीबद्ध कर चुका है।
  2. राज्य स्तर पर नीति निर्माण और समिति गठन
    — शिक्षा विभाग ने तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति गठित की है जिसमें विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को शामिल किया गया है, ताकि syllabus समीक्षा और बदलाव की रिपोर्ट तैयार हो सके।
    — राजभवन ने सुझाव दिए हैं कि पाठ्यक्रम 20–25 साल पुराने व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को भी अपडेट किया जाए।
  3. छपरा / सारण क्षेत्र में मीडिया रिपोर्ट्स
    — छपरा में यह रिपोर्ट मिली है कि अब क्रेडिट सिस्टम आधारित सिलेबस लागू होगा और सभी विषयों का ग्रुप बनाए जाएंगे।

बिहार में स्नातक (UG) स्तर पर किया गया यह बदलाव एक महत्त्वपूर्ण परिवर्तन है, जिसे लंबे समय से अपेक्षित भी माना जा रहा था। यह न सिर्फ सिलेबस को आधुनिक बनाने की दिशा में है, बल्कि छात्रों को बेहतर मौकों, रोजगारोन्मुखी कौशल और समकालीन शिक्षा प्रणाली से जोड़ने का प्रयास है।

हालाँकि इस बदलाव को सफल बनाने के लिए विश्वविद्यालयों, कॉलेजों, शिक्षकों और छात्रों — सभी को मिलकर काम करना होगा। संसाधन, प्रशिक्षण, पाठ्यपुस्तकें, मूल्यांकन प्रणाली आदि को समय रहते व्यवस्थित करना चाहिए।

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