साइकिल पोशाक छात्रवृत्ति का पैसा | सबका पैसा आया- एक क्लिक में देखें

साइकिल पोशाक छात्रवृत्ति का पैसा | सबका पैसा आया- एक क्लिक में देखें

साइकिल पोशाक छात्रवृत्ति का पैसा | सबका पैसा आया- एक क्लिक में देखें:-राज्य के डेढ़ करोड़ स्कूली बच्चों के खाते में साइकिल, पोशाक और छात्रवृत्ति आदि योजनाओं की राशि का भुगतान जल्द ही किया जाएगा। शिक्षा विभाग इसे लेकर जोर-शोर से तैयारी कर रहा है।

उम्मीद है कि दिसंबर के अंतिम अथवा जनवरी के प्रथम सप्ताह में राशि का भुगतान किया जाएगा। वित्तीय वर्ष 2024-25 के तहत इस राशि का भुगतान किया जा रहा है। इसके लिए करीब चार हजार करोड़ का प्रबंध विभाग की ओर से किया है। अप्रैल से सितंबर तक बच्चों के स्कूलों में 75 प्रतिशत तक की उपस्थिति के आधार पर लाभुकों की सूची तैयार की गयी है। पहली से 12वीं कक्ष के करीब डेढ़ करोड़ बच्चे इसमें शामिल हैं, जिनकी सूची विभाग के ई-शिक्षा कोष पर दर्ज हुई है।

स्कूल के प्रधानाध्यापकों के सहयोग से बच्चों की सूची पोर्टल पर अपलोड की गयी है। हालांकि, पोर्टल पर बच्चों के नाम की इंट्री का कार्य अभी भी चल रहा है। संबंधित राशि सीधे बच्चों के बैंक खाते में डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) से भुगतान होगी। विभाग के पदाधिकारी बताते हैं कि राज्य सरकार या सरकार से अनुदानित स्कूलों के सभी बच्चों इन योजनाओं के तहत लाभान्वित होंगे। बशर्ते स्कूल में 75 प्रतिशत हाजिरी उनकी रही है।

जिलों से प्राप्त रिपोर्ट बताती है कि पहली से 12 वीं कक्षा में नामांकित बच्चों की संख्या 1.80 करोड़ है। इनमें 1.50 करोड़ की सूची पोर्टल पर दर्ज की गयी है। साथ ही कन्या उत्थान योजना के तहत स्नातक उत्तीर्ण छात्राओं को भी 50-50 हजार रुपये भुगतान की तैयारी अंतिम चरण में है। योजना के लिए आवेदन देने वाली जिन छात्राओं के विश्वविद्यालयों से रिपोर्ट प्राप्त हो गयी है, उन्हें राशि का भुगतान किया जाएगा।

  • ■ 75 प्रतिशत हाजिरी के आधार पर ई-शिक्षा कोष पर आई है सूची
  • ■ पहली से 12वीं कक्षा के हैं ये विद्यार्थी, 1.50 करोड़ की सूची दर्ज
  • ■ सभी बच्चों की एक साथ फोटो भी करनी है अपलोड
  • ■ सॉफ्टवेयर मार्क हाजिरी से फोटो का होगा मिलान
  • ■ स्कूलों में परीक्षण हुआ पूरा, जनवरी से मिलेगा प्रशिक्षण

प्रखंड के चंदनपट्टी गांव के एक सातवीं के छात्र के उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के खाते में मंगलवार को 87 करोड़ 65 लाख 43 हजार 210 रुपये अचानक आग गये. मामला तब सामने आया जब छात्र चंदनपट्टी चौक स्थित एक साइबर कैफे में अपनी छात्रवृत्ति की राशि खाते में चेक कराने गया था. मामला सामने आने के बाद बात पूरे गांव में आग की तरह फैल गयी. छात्र ने इसकी जानकारी अपने परिजनों को दी, लेकिन उसके खाते पर आयी राशि चंद घंटों में ही ट्रांसफर हो गयी.

साइबर कैफे के संचालक अविनाश कुमार ने बताया कि उसके कैफे पर एक छात्र स्कूल द्वारा भेजी गयी छात्रवृत्ति की राशि चेक कराने आया था. उसके नाम से उत्तर बिहार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक में खाता है. जब कैफे में चेक किया गया तो उसके खाते में 87 करोड़ 65 लाख 43 हजार 210 रुपये जमा बताये गये. खाते में इतनी बड़ी राशि देख सभी परेशान हो गये.

कैफे संचालक ने राशि की जानकारी छात्र को दी. छात्र ने इसकी जानकारी परिजनों को दी. जब छात्र परिजन के साथ इसकी सूचना देने बैंक पहुंचा तो बैंक अधिकारी ने खाता चेक किया. उस समय तक खाते में आयी राशि ट्रांसफर हो चुकी थी. छात्र चंदनपट्टी गांव निवासी मो इस्लाम का पुत्र है. मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है. लेकिन मामले की शिकायत नहीं की गयी है|

अब स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम रहने के बावजूद भी बढ़ाकर दिखाने वाली होशियारी नहीं चलेगी। कक्षा में जितने बच्चे उपस्थित होंगे, उतने ही बच्चों की हाजिरी बनेगी और यह डिजिटल होगी। अगर कक्षा में कम बच्चे उपस्थित होते हैं और हाजिरी अधिक की बना दी जाएगी तो सॉफ्टवेयर इसकी पोल खोल देगा।

दरअसल, शिक्षा विभाग ने इस व्यवस्था को लागू करने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। राज्यभर के सरकारी स्कूलों के वर्ग शिक्षकों को टैबलेट दिया जाएगा, जिस पर शिक्षकों को बच्चों की डिजिटल हाजिरी बनानी होगी। हर बच्चे के नाम के आगे उन्हें उपस्थित मार्क करना होगा।

जनवरी, 2025 से शिक्षकों को टैबलेट पर बच्चों की उपस्थिति दर्ज करने की प्रक्रिया से अवगत कराने के लिए प्रशिक्षण देना शुरू होगा। वहीं प्रशिक्षण पूरा होने के दो माह बाद मार्च तक राज्यभर के स्कूलों में इस सिस्टम के लागू होने की संभावना है। माना जा रहा है कि सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति को लेकर इसे लागू होने से बदलाव होंगे। बच्चों की उपस्थिति बेहतर होगी। टैबलेट की खरीद का काम चल रहा है।

शिक्षकों को पहले टैब पर उपस्थित और अनुपस्थित मार्क करना होगा। इसके बाद कक्षा में जितने बच्चे उपस्थित होंगे उनकी तस्वीर भी अपलोड करनी होगी। इसके बाद सॉफ्टवेयर बच्चों के चेहरे और मार्क किए गए उपस्थिति का मिलान करेगा। यहा पता लगाएगा कि जो बच्चे कक्षा में उपस्थित थे, उनकी उपस्थिति बनी है या नहीं। अगर शिक्षक उपस्थिति संख्या बढ़ाने के लिए थोड़ा भी हेर-फेर करेंगे तो सॉफ्टवेयर उसे बता देगा। उपस्थिति की असल रिपोर्ट अगले दिन तक सामने आ जाएगी। ऐसे में जो बच्चे उपस्थित नहीं होंगे, उनकी उपस्थित अगर दर्ज हुई होगी तो वह भी पता चल जाएगा।

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