4 वर्षिय स्नातक कोर्स करने के बाद सिधे कर सकते हैं पीएचडी | अब पीजी करने कि जरूरत नही

4 वर्षिय स्नातक कोर्स करने के बाद सिधे कर सकते हैं पीएचडी | अब पीजी करने कि जरूरत नही

4 वर्षिय स्नातक कोर्स करने के बाद सिधे कर सकते हैं पीएचडी | अब पीजी करने कि जरूरत नही:-सीबीसीएस के साथ 4 वर्षीय स्नातक कोर्स करने के बाद छात्र सीधे पीएचडी के लिए आवेदन कर सकेंगे। अब तक 3 साल ग्रेजुएशन और 2 साल पीजी यानी 5 साल की पढ़ाई के बाद पीएचडी में एडमिशन होता है। लेकिन, 4 वर्षीय स्नातक कोर्स में 8 सेमेस्टर की पढ़ाई पूरी करने के बाद यह सुविधा मिल सकेगी। इससे छात्रों के एक साल की बचत होगी। हालांकि, इसके लिए स्नातक में कम से कम 75 फीसदी अंक लाना जरूरी होगा।

पीजी स्तर पर पीएचडी के लिए आवेदन के लिए 55 फीसदी न्यूनतम अंक निर्धारित है। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय सहित राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में पिछले सत्र से ही 4 वर्षीय स्नातक कोर्स लागू है। यह सत्र 2027 में पूरा होगा। वहीं, विश्वविद्यालय में पीएचडी पॉलिसी 2024 भी लागू कर दी गई है। इसमें पीएचडी में एडमिशन के लिए योग्यता के तौर पर 4 वर्षीय स्नातक कोर्स को भी शामिल किया गया है।

खास बात यह है कि कुल खाली सीट का 50 फीसदी विश्वविद्यालय स्तर की परीक्षा से भरा जाएगा। इसमें पैट के साथ ही एग्जम्प्टेड कोटे के अभ्यर्थी भी शामिल होंगे। वहीं, 50 फीसदी सीट पर यूजी नेट, यूजीसी सीएसआईआर नेट, गेट व सीड सहित अन्य राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा के स्कोर के आधार पर एडमिशन लिया जाएगा। सभी विभागों में आरक्षण रोस्टर के अनुसार सीटों का बंटवारा होगा। किसी विभाग में सीट के अनुसार अभ्यर्थी नहीं मिलेंगे, तब पैट से भरा जाएगा।

पीएचडी के लिए सेलेक्शन होने के बाद कुल 15 हजार रुपए फीस लगेगी। इसमें फाइनल सेलेक्शन के बाद एडमिशन फीस 2 हजार रुपए व रजिस्ट्रेशन फीस 4 हजार रुपए है। वहीं, प्लेगरिज्म टेस्ट के लिए 1 हजार रुपए, थिसिस सबमिशन फीस 8 हजार रुपए देने होंगे। वहीं निर्धारित अवधि से थिसिस सबमिट करने में विलंब होने पर 2 हजार रुपए वार्षिक देने होंगे, जबकि डिग्री के लिए 400 रुपए फीस लगेगी। आवेदन के लिए जनरल कैटेगरी के अभ्यर्थियों को 3 हजार रुपए और ओबीसी, एससी-एसटी, ईबीसी, ईडब्ल्यूएस व महिलाओं को 2 हजार रुपए लगेंगे।

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में पीएचडी पॉलिसी 2024 के सभी नियम पैट 2023 से ही प्रभावी हो जाएंगे। कुलसचिव की ओर से सभी विभागाध्यक्षों को पत्र भेजकर इसकी जानकारी दी गई है। विश्वविद्यालय में अभी पैट 2023 की प्रक्रिया आवेदन के बाद से ही पेंडिंग है। हालांकि पैट 2022 की फाइनल लिस्ट जारी करने के बाद इसमें आवेदन के लिए एक बार फिर से पोर्टल खोलने की बात कही गई है। कोर्स वर्क व गाइड एलॉटमेंट के बाद क्लीयर हो जाएगा कि कितनी सीटें बची हैं। उसके 50 फीसदी के लिए पैट 2023 का आयोजन किया जाएगा।

बीआरएबीयू ने पीएचडी रेगुलेशन 2024 को प्रभावी कर दिया है. इसमें ने नामांकन पद्धति से लेकर फी तक तय ट्रा कर दिया है. अब पीजी की जगह चार ाम वर्षीय स्नातक कोर्स पूरा करने के बाद नमें स्टूडेंट्स पीएचडी प्रवेश परीक्षा के लिए क्षा योग्य हो सकते हैं. पूर्व में जहां तीन ज, वर्षीय स्नातक के बाद दो वर्ष का पीजी ब्व, कोर्स करना होता था. इसके बाद मर अभ्यर्थी पीएचडी एडमिशन टेस्ट के एक योग्य हो पाते थे, वहीं राष्ट्रीय शिक्षा क नीति में चार वर्षीय स्नातक को आठ शी सेमेस्टर में बांटा गया है.

इसके अंतिम यम दो सेमेस्टर में रिसर्च पर विशेष फोकस ज, किया गया है. ऐसे में आठवां सेमेस्टर वंत पूरा होने के बाद अभ्यर्थी सीधे पैट के लिए आवेदन कर सकते हैं. विवि की ओर से पीएचडी रेगुलेशन-2024 को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गयी है. इसमें स्नातक के बाद सीधे पैट के लिए कुछ शर्तों को पूरा करना होगा. स्नातक में 75 प्रतिशत या इससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी ही इसके योग्य होंगे. बता दें कि यूजीसी की ओर से निर्देश मिलने के बाद राजभवन ने विवि को कहा है कि अब 50 प्रतिशत सीटें नेट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित रहेंगी. वहीं शेष 50 प्रतिशत पर पैट आयोजित होगा.

विवि में पीएचडी का सत्र विलंब से चल रहा है. ऐसे में फी से लेकर अन्य सभी नियम 2023 सत्र से ही लागू किया जाएगा. हालांकि, स्नातक के बाद पीएचडी 2027 सत्र से हो सकेगा, क्योंकि चार वर्षीय कोर्स 2023 में लागू हुआ है. इसका पहला बैच 2027 में
उत्तीर्ण होगा. पिछले पैट के लिए साक्षात्कार हो चुका है. नामांकन के बाद जो सीटें रिक्त रहेंगी. उसके 50 प्रतिशत सीटों पर नामांकन के लिए पैट का आयोजन किया जायेगा. विभागों से 15 अक्तूबर तक रिक्ति मांगी गयी है.

पीएचडी के नये रेगुलेशन के तहत आवेदन से लेकर रजिस्ट्रेशन और अन्य सभी मद की फी का निर्धारण किया गया है. आवेदन के लिए सामान्य कोटि के अभ्यर्थियों को 3 हजार, ओबीसी, एससी-एसटी, इबीसी, इडब्ल्यूएस व महिलाओं के लिए 2 हजार रुपये शुल्क देना होगा. पैट या नेट से चयनित होने के बाद नामांकन शुल्क के रूप में 2 हजार, रजिस्ट्रेशन शुल्क के रूप में 4 हजार देना होगा. वहीं प्लेगरिज्म टेस्ट के लिए एक हजार व थिसिस सब्मिशन फी 8 हजार रुपये देनी होगी. इसके बाद थिसिस सबमिट करने में निर्धारित अवधि से विलंब होने पर 2 हजार रुपये वार्षिक के हिसाब से जमा कराना होगा. पीएचडी की डिग्री के लिए सामान्य कोर्स की तरह ही 400 रुपये फी लगेगा.

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