इस पुरे साल कब है शादी, गृहप्रवेश और जनेऊ का लगन – पूरा लिस्ट देखें:-जब आत्मा और शक्ति के कारक सूर्य गुरु की राशि धनु में भ्रमण करते हैं तो सूर्य की स्थिति कमजोर मानी जाती है। मान्यता है कि इस समय किए जाने वाले कार्यों में स्थायित्व में कमी मानी जाती है। इसलिए साल के खरमास महिनों में विवाह, गृहप्रवेश, नया व्यापार या किसी प्रकार की नई शुरुआत पर रोक है।
15 दिसंबर से होगा खरमास, 14 जनवरी 2025 तक नहीं होंगे मांगलिक कार्य, उसके बाद शुभ मुहूर्त की भरमार
मां बगलामुखी पीठ परिषद के संस्थापक एवं ज्योतिर्विद पं. महेश मोहन झा ने बताया कि मिथिला पंचांग के अनुसार इस वर्ष 2024 के अंतिम महीने दिसम्बर की 15 तारीख को सूर्य वृश्चिक राशि के 29 अंश पर रहेगा, जो मासांत है। 16 दिसम्बर को धनु राशि के ०० अंश पर रहेगा जो धनु संक्रान्ति है, अतः 15 दिसम्बर को रात्रि 10 बजकर 19 मिनट से अशुद्धारम्भ, मलमास या खरमास प्रारम्भ हो जाएगा जो 14 जनवरी 2025 तक रहेगा। इस मास में अपने आराध्य देव की अराधना करें। सूर्य देव को अर्घ्य दें। तिल, वस्त्र और अनाज का दान करें एवं गाय को चारा खिलाएं। गंगा, यमुना आदि पवित्र नदियों में स्नान करें एवं वृहस्पति का उपवास करके मंदिर में पीली वस्तुएं दान करें।
शुभ मांगलिक कार्य: खरमास के दौरान आराध्य देव की पूजा करनी चाहिए
विवाह मुहूर्त
जनवरी
16,19,20,23,24,29,30
फरवरी
02, 03, 06, 07, 16, 19, 20, 21, 24, 26
मार्च
02,03,06,07
अप्रैल
16,18,20,21,23,25,30
मई
01, 07, 08, 09, 11, 18,19, 22, 23, 25, 28
जून
01,02,04,06
गृहप्रवेश
फरवरी
03,06,07,08,10
मार्च
06,08,10
मई
03,07,08,09,10
जून
04,05,06,07
उपनयन
फरवरी
03,07
मार्च
02,09,10
अप्रैल
07,08
मई
02,07,08,09
जून
05,06
गृहारंभ
फरवरी
08,15
मार्च
10
अप्रैल
16
मई
03,08,10
जून
05,06,07
मुंडन संस्कार
जनवरी
31
फरवरी
03, 07, 10, 17
मार्च
06,10
अप्रैल
17,30
मई
08, 09, 28
जून
05, 06, 26, 27
जुलाई
02, 04
शुभ कार्य पर ब्रेक • 15 दिसंबर को सूर्य वृश्चिक राशि के 29 अंश पर रहेगा, जो मासांत है
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, शुभ मुहूर्त वह समय होता है जब सभी ग्रह और नक्षत्र शुभ स्थिति में होते हैं और शुभ फल देते हैं. माना जाता है कि शुभ मुहूर्त में किए गए कामों का फल हमेशा अच्छा होता है. इसलिए, हिंदू धर्म में शुभ कामों के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व दिया जाता है.
शुभ मुहूर्त के बारे में कुछ खास बातें:-
शुभ मुहूर्त की गणना के लिए पंचांग में देखा जाता है |
दिन और रात में 24 घंटे 12 राशियां लग्न घूमती रहती हैं और उसी दिन दिन और रात के बीच 30 मुहूर्त भी होते हैं|
एक मुहूर्त लगभग दो घड़ी के या 48 मिनट के बराबर होता है|
शुभ मुहूर्त तय करने के लिए नक्षत्र, तिथि, योग, करण, वार जैसे पांच विशेष अंगों का सहयोग लिया जाता है|
शुभ मुहूर्त में किए जाने वाले कुछ कामः पूजा-पाठ, शादी-विवाह, गृह प्रवेश, बिज़नेस शुरू करना.
अगर शुभ मुहूर्त न मिले, तो चौघड़िया मुहूर्त में भी काम किया जा सकता है.