बीएड के लिए इस दिन से होगा आवेदन | सीईटी बीएड 2025 का नोटीफिकेशन जारी

बीएड के लिए इस दिन से होगा आवेदन | सीईटी बीएड 2025 का नोटीफिकेशन जारी

सीईटी बीएड 2025 का नोटीफिकेशन जारी बीएड के लिए इस दिन से होगा आवेदन- सीईटी-बीएड 2025 के तहत बीएड नामांकन के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया अप्रैल में शुरू होने की उम्मीद है। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा को दो वर्षीय बीएड एवं शिक्षा शास्त्री प्रवेश परीक्षा 2025 के लिए फिर नोडल विश्वविद्यालय बनाया गया है। हालांकि अभी इसके नोडल पदाधिकारी की घोषणा नहीं हुई है। वहीं कुछ जरूरी औपचारिकता पूरी होने में करीब-करीब एक माह का समय लगता है।

इस संबंध में जल्द ही विवि प्रशासन के द्वारा बैठक बुलाई जाएगी। नामांकन के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया अप्रैल माह में शुरू होने की उम्मीद है। क्योंकि करीब एक महीने का समय फॉर्म भरने के लिए छात्र-छात्राओं को दिया जाता है। इसके बाद एंट्रेंस टेस्ट आदि कराते हुए और मेरिट लिस्ट के लिए भी समय दिया जाता है। जुलाई-अगस्त तक हर हाल में बीएड का सत्र भी शुरू हो जाता है। पिछले साल राजभवन के द्वारा स्वीकृति देर से मिली थी। इसलिए अगस्त तक नामांकन प्रक्रिया चलती रही थी

डिस्टेंस माध्यम से भी बीएड की पढ़ाई हो सकेगी। यह सुविधा चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स के लिए जारी की गई है। यह नई शिक्षा नीति के तहत ओपेने डिस्टेंस लर्निंग माध्यम से बीएड की पढ़ाई कराने की पहल है। नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) ने सत्र 2025 के लिए इसका ड्राफ्ट तैयार करते हुए कोर्स चलाने के मानक जारी किए हैं।

एनसीटीई ने सभी विश्वविद्यलायों से इस पर फीडबैक मांगा है व कॉलेजों में डिस्टेंस की पढ़ाई के लिए इंतजाम करने को भी कहा है। एनसीटीई ने अधिसूचना में कहा है कि ओपेन डिस्टेंस लर्निंग का कोर्स उसी कॉलेज में शुरू होगा, जहां इसकी सुविधाएं होंगी। ओडीएल की सुविधा शुरू करने का उद्देश्य अधिक से अधिक छात्रों को बीएड की पढ़ाई कराना है। इसमें छात्र ऑनलाइन और फेस टू फेस लर्निंग विधि से भी पढ़ाई कर सकेंगे। बीआरएबीयू में चार कॉलेजों में इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स की पढ़ाई होती है। पूरे बिहार में सिर्फ यहीं इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स चलता है।

एनसीटीई ने कहा है कि नये सत्र से बीएड कॉलेजों के शिक्षकों के पैन कार्ड व अन्य दस्तावेज एनसीटीई को भेजने होंगे। इसके अलावा कॉलेज वहीं चलेंगे, जहां पक्के भवन और छात्रों के लिए पर्याप्त कमरे होंगे। कॉलेज भवन के पास फायर सेफ्टी के सर्टिफिकेट और जमीन के दस्तावेज भी एनसटीई को देने होंगे।

एनसीटीई का कहना है कि नये सत्र से बीएड कॉलेजों को अपने यहां दिए जाने वाले वेतन का रिकार्ड रखना होगा। शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारियों को वेतन का भुगतान उनके बैंक खाते में होना चाहिए। बीएड के सभी शिक्षकों की परफार्मेस असेसमेंट रिपोर्ट तैयार कर उसे एनसीटीई को भेजना होगा।

एनसीटीई ने बीएड कॉलेजों में एकेडमिक कैलेंडर भी जारी करने का निर्देश इस वर्ष से दिया है। यह एकेडमिक कैलेंडर एकेडमिक वर्ष शुरू से एक महीने पहले जारी किया जाएगा। इसके अलावा बीएड कॉलेज छात्रों से वही फीस लेंगे जो राज्य या केंद्र सरकार की तरफ से तय होगी।

एनसीटीई की नई अधिसूचना के मुताबिक हर सेमेस्टर में छात्रों का मूल्यांकन किया जाएगा। यह मूल्यांकन एनसीटीई के तय मानकों के अनुसार होगा। एनसीटीई ने सभी बीएड कॉलेजों को एक प्रबंधन समिति भी बनाने को कहा है। प्रबंधन समिति राज्यों के तय नियमों के अनुसार बनेगी।

शैक्षणिक सत्र 2026-27 से बीएड, एमएड और चार वर्षीय एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (आइटीइपी) में एडमिशन राष्ट्रीय संयुक्त प्रवेश परीक्षा के आधार पर होगा. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) इनके लिए तीन अलग-अलग राष्ट्रीय संयुक्त प्रवेश परीक्षा लेगा. प्रवेश परीक्षा में हासिल अंक के आधार पर मेरिट लिस्ट बनेगी. इसी के आधार पर एडमिशन होगा. इसकी घोषणा इसी साल के अंत तक होगी. इसके बाद इन कोर्स की पढ़ाई करवाने वाले कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को एनटीए के पास इन राष्ट्रीय संयुक्त प्रवेश परीक्षा के लिए पंजीकरण करना होगा, ताकि छात्रों को पता लग सके कि उनके पास दाखिले के लिए कौन-कौन से विकल्प उपलब्ध हैं.

स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के मकसद से इसे लागू किया जा रहा है. सत्र 2026 से बीएड, एमएड और 12वीं कक्षा के बाद शिक्षक बनने वाले प्रोग्राम यानी चार वर्षीय एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम की एडमिशन प्रक्रिया में बड़ा बदलाव होगा. अभी तक बीएड की पढ़ाई करवाने वाले कॉलेज और विश्वविद्यालय नेशनल टेस्टिंग एजेंसी, विश्वविद्यालयों की अपनी प्रवेश परीक्षा और अंकों के अन्य मानकों के आधार पर मेरिट तैयार करके सीट आवंटित करते हैं एनसीटीइ के अनुसार राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनइपी) के तहत एनसीटीइ रेग्यूलेशन 2025 तैयार किया गया है.

एनइपी 2020 के तहत शिक्षक बनने के इन सभी प्रोग्राम के कोर्स में बदलाव किया गया है. नये कोर्स के तहत शिक्षक बनने के इन प्रोग्राम की पढ़ाई के साथ गुणवत्ता बेहद जरूरी है. इसीलिए अगले शैक्षणिक सत्र से बीएड के इन सभी प्रोग्राम में एडमिशन राष्ट्रीय संयुक्त प्रवेश परीक्षा की मेरिट के आधार पर मिलेगा. बीएड कोर्स की पढ़ाई करवाने वाले सभी कॉलेजों को इसी मेरिट से ही दाखिला सीट देनी होगी. इससे पारदर्शिता आयेगी.

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