बिहार के सभी यूनिवर्सिटी में अब 180 दिन में मिलेगा डिग्री – बडा़ बदलाव

बिहार के सभी यूनिवर्सिटी में अब 180 दिन में मिलेगा डिग्री - बडा़ बदलाव

बिहार के सभी यूनिवर्सिटी में अब 180 दिन में मिलेगा डिग्री – बडा़ बदलाव:-विश्वविद्यालयों में अब शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया है, जिसके तहत सभी विश्वविद्यालयों—सरकारी, निजी और मान्यता प्राप्त संस्थानों—को यह सुनिश्चित करना होगा कि परीक्षा समय पर आयोजित हो और रिज़ल्ट जारी होने के 180 दिनों के अंदर छात्रों को डिग्री और प्रमाणपत्र उपलब्ध करा दिए जाएं। बिहार की सभी यूनिवर्सिटियाँ भी इस नए नियम के दायरे में आ गई हैं, जिससे लाखों छात्रों को सीधा लाभ मिलने वाला है।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानों को सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा है कि परीक्षाएं शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार समय पर आयोजित की जायें और परिणाम घोषित होने के 180 दिनों के भीतर अंतिम उपाधियां व प्रमाणपत्र अनिवार्य रूप से जारी किये जायें, आयोग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी स्तर पर देरी विद्यार्थियों के कैरियर को प्रभावित करती है, जिससे उच्च शिक्षा, प्रतियोगी परीक्षाओं और रोजगार के अवसरों में बाधा उत्पन्न होती है.

आयोग ने सभी राज्यों के उच्च शिक्षा विभागों, विश्वविद्यालयों और स्वायत्त संस्थानों को पत्र लिखकर परीक्षा संचालन और डिग्री वितरण की प्रक्रिया में अनुशासन सुनिश्चित करने को कहा है. विद्यार्थी निर्धारित अकादमिक कैलेंडर के अनुसार परीक्षा देने, समय पर परिणाम प्राप्त करने और उपाधि हासिल करने के कानूनी व नैतिक हकदार हैं.

आयोग ने विश्वविद्यालयों को यह भी निर्देश दिया है कि वे परीक्षा और परिणाम से संबंधित सभी प्रक्रियाओं का डिजिटलीकरण करें, ताकि पारदर्शिता बढ़े और समयबद्धता सुनिश्चित हो सके. विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन ट्रैकिंग सिस्टम विकसित करने को कहा गया है, जिससे वे अपनी डिग्री और प्रमाणपत्र की स्थिति जान सकें.

आयोग के अनुसार कई संस्थानों में परीक्षाएं अनावश्यक रूप से टलती रहती हैं और परिणाम घोषित करने में भी महीनों की देरी होती है. इसका सीधा असर विद्यार्थियों की उच्च शिक्षा में नामांकन, प्रतियोगी परीक्षाओं की पात्रता और रोजगार भर्ती प्रक्रियाओं पर पड़ता है.

परिणाम घोषित होने के 180 दिनों के भीतर डिग्री और आवश्यक प्रमाणपत्र जारी करना संस्थानों की जिम्मेदारी है. यदि किसी विश्वविद्यालय या कॉलेज द्वारा इन निर्देशों की अनदेखी की जाती है, तो आयोग के पास दंडात्मक कार्रवाई करने का अधिकार सुरक्षित है.

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने घोषणा की है कि अंडरग्रेजुएट कोर्स के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूइटी-यूजी) मई 2026 में आयोजित किया जायेगा. एप्लीकेशन प्रोसेस से पहले, एजेंसी ने कैंडिडेट्स से यह पक्का करने के लिए कहा है कि उनके आधार डिटेल्स, यूडीआइडी कार्ड और कैटेगरी सर्टिफिकेट अपडेटेड हों.

बाद के स्टेज में एप्लीकेशन में किसी भी तरह की गड़बड़ी, शिकायत या रिजेक्शन से बचने के लिए यह कदम बहुत जरूरी है. एनटीए जल्द ही अपनी वेबसाइट cuet.nta.nic.in पर सीयुइटी यूजी 2026 रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन एप्लीकेशन विंडो खोलेगा. यह एंट्रेंस टेस्ट पूरे भारत में 47 सेंट्रल यूनिवर्सिटी और 300 से ज्यादा कॉलेजों में अंडरग्रेजुएट एडमिशन के लिए आयोजित किया जायोगा. कैंडिडेट्स को एप्लीकेशन विंडो से काफी पहले अपने डॉक्यूमेंट्स अपडेट करने की सलाह दी गयी है.

UGC का यह नया निर्देश उच्च शिक्षा में समयबद्धता और पारदर्शिता लाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। अब बिहार के छात्र निश्चिंत होकर अपनी पढ़ाई, प्रतियोगी परीक्षा और करियर की योजना बना सकेंगे क्योंकि—

  • परीक्षा समय पर होगी
  • रिज़ल्ट समय पर आएगा
  • 180 दिनों में डिग्री गारंटी से मिलेगी

    यह बदलाव छात्रों के लिए बड़ी राहत और विश्वविद्यालयों के लिए बड़ा सुधार है।

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