विमानन में मैट्रिक इंटर और स्नातक पास के लिए है शानदार पैकेज के साथ नौकरी

विमानन में मैट्रिक इंटर और स्नातक पास के लिए है शानदार पैकेज के साथ नौकरी

विमानन में मैट्रिक इंटर और स्नातक पास के लिए है शानदार पैकेज के साथ नौकरी:-हवाई यात्रा के मामले में भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बाजार बन गया है। विमानन या उड्डयन या एविएशन सेक्टर में आई इस तेजी से अनुमान है कि साल 2030 तक 10,000 पायलट और 15,000 एअरक्राफ्ट मेंटिनेंस इंजीनियरों की जरूरत होगी। साथ ही, इस क्षेत्र में प्रबंधन, सुरक्षा में करिअर के अवसर बनेंगे। ऐसे अवसरों के बारे में बता रही हैं|

एविएशन सेक्टर वर्तमान में 77 लाख से अधिक नौकरियां प्रदान कर रहा है। वहीं, अनुमान है कि इस सेक्टर में वर्तमान में लगभग पांच और विमानन कंपनियों की जरूरत है। इसके साथ ही, जो विमान कुछ समय बाद इस सेक्टर में शामिल होने वाले हैं, उनके लिए अगले 10-15 सालों में 30 हजार से ज्यादा पायलटों की जरूरत होगी। समय के साथ इंजीनियर, ग्राउंड स्टाफ और लॉजिस्टिक्स पेशेवरों की मांग भी तेजी से बढ़ेगी। इस तरह आने वाले कुछ वर्षों में इस सेक्टर में लगभग 2.5 करोड़ नई नौकरियां बनने की उम्मीद है। इस क्षेत्र से संबंधित कौशल और ट्रेनिंग ग्रेजुएट युवाओं को एक मजबूत भविष्य दे सकते हैं।

12वीं में भौतिकी और गणित आवश्यक हैं। इसके बाद डीजीसीए मान्यता प्राप्त फ्लाइंग स्कूल से कमर्शियल पायलट लाइसेंस लेना अनिवार्य है। प्रमुख संस्थानों में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी (रायबरेली), सीएई और चिमनलाल एविएशन अकादमी प्रमुख हैं।

ये कर्मचारी यात्रियों की सेवा और सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। इसके लिए न्यूनतम योग्यता 12 वीं है। संवाद कौशल, अंग्रेजी ज्ञान और मेडिकल फिटनेस जरूरी है। एयर इंडिया और विस्तारा के साथ ही एविएशन के कई संस्थान इसके प्रशिक्षण कोर्स चला रहे हैं।

उड़ानों के मार्ग तय करने और सुरक्षित संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके लिए बीएससी/बीटेक के बाद एअरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की परीक्षा पास करना अनिवार्य है। परीक्षा पास करने के बाद एयरपोर्ट पर कड़ी ट्रेनिंग दी जाती है।

एएमई मरम्मत, तकनीकी जांच और सुरक्षा क्लीयरेंस के लिए जिम्मेदार होते हैं। इसके लिए डीजीसीए से मान्यता प्राप्त 2-3 वर्षीय कोर्स और लाइसेंस जरूरी है। प्रमुख संस्थानों में स्कूल ऑफ एविएशन साइंस एंड टेक्नोलॉजी और राजीव गांधी एविएशन अकादमी शामिल हैं।

इसके अंतर्गत विमान के इंजन, पुर्जे और हाई-टेक सिस्टम की सर्विसिंग होती है। इसके लिए एरोनॉटिकल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स या एवियोनिक्स इंजीनियरिंग की पढ़ाई फायदेमंद है। इस क्षेत्र में आईटीआई ग्रेड के भी कुछ पद निकलते हैं। अपरिकलिंग के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे कोर्सेरा, उडेमी और स्किल इंडिया पर एविएशन इलेक्ट्रॉनिक्स और मेंटेनेंस बेसिक्स जैसे छोटे कोर्स उपलब्ध हैं।

ग्राउंड स्टाफ और एअरपोर्ट ऑपरेशंस स्टाफ चेक-इन, बोर्डिंग, रैंप ऑपरेशन और सुरक्षा जैसी जिम्मेदारियों को संभालते हैं। एअर कार्गो और लॉजिस्टिक्स का भी काम होता है। इसके लिए 12 वीं या स्नातक के बाद 6-12 माह का एअरपोर्ट ग्राउंड हैंडलिंग या एविएशन डिप्लोमा पर्याप्त है। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय विमानन अकादमी, फ्रेन्कफिन इंस्टीट्यूट ऑफ एविएशन एंड हॉस्पिटैलिटी, एप्टेक एविएशन, राजीव गांधी एविएशन अकादमी और जेटकिंग एविएशन प्रमुख संस्थान हैं।

हर एअरलाइंस को एअरपोर्ट मैनेजमेंट, एअरलाइन ऑपरेशंस, क्रू शेड्यूलिंग, सिक्योरिटी, एचआर विभाग आदि के लिए लोगों की जरूरत होती है। इसके लिए बीबीए/एमबीए (एविएशन), एअरपोर्ट मैनेजमेंट या ऑपरेशन्स मैनेजमेंट कोर्स फायदेमंद हैं। प्रमुख संस्थानों में एमिटी (मुंबई), यूपीईएस (देहरादून) और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी शामिल हैं। आईए‌टीए ट्रेनिंग पोर्टल पर एअरलाइन ऑपरेशंस, एअरपोर्ट प्लानिंग और सेफ्टी मैनेजमेंट जैसे कोर्स भी उपलब्ध हैं।

सेल्स और मार्केटिंग से संबंधित कामों के लिए बीबीए, बीकॉम युवा आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आईएटीए फाउंडेशन और डिजिटल मार्केटिंग सर्टिफिकेट लाभकारी हैं। प्रमुख प्रशिक्षण संस्थानों में थॉमस कुक ट्रेनिंग सेंटर और आईएटीए शामिल हैं।

वहीं एविएशन सेफ्टी ऑफिसर, एअरलॉविशेषज्ञ और कंप्लायंस अधिकारी उड़ानों की सुरक्षा, जांच और तय नियमों के पालन को सुनिश्चित करते हैं।

इसके लिए एलएलबी, सेफ्टी मैनेजमेंट, एविएशन लॉ और क्वालिटी कंप्लायंस कोर्स करने होंगे। प्रमुख संस्थानों में नालसार, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, एमिटी और हिंदुस्तान विश्वविद्यालय शामिल हैं। आईएटीए और अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर सेफ्टी और रेगुलेशन के प्रोफेशनल सर्टिफिकेट भी उपलब्ध हैं।

ड्रोन और एअरोस्पेस टेक्नोलॉजी एविएशन का तेजी से बढ़ता हिस्सा हैं। ड्रोन पायलट और आरपीएएस ऑपरेटर बनने के लिए डीजीसीए से मान्यता प्राप्त ट्रेनिंग जरूरी है, जबकि एअरोस्पेस डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग में बीटेक एमटेक पढ़ाई जरूरी है। एआई ऑपरेशन्स, सुरक्षा और मेंटेनेंस को तेज और भरोसेमंद बनाता है, जिससे फ्लाइट प्लानिंग, एअर ट्रैफिक मॉनिटरिंग और प्रीडिक्टिव मेंटेनेंस सुरक्षित और प्रभावी हुए हैं। एमआरओ, चैटबोट/वर्चुअल असिस्टेंट आधारित ग्राहक सेवा, डाटा एनालिटिक्स, साइबर सुरक्षा और ऑटोनोमस ड्रोन जैसी नई तकनीकी भूमिकाएं भी एआई से सीधे जुड़ी हैं।

शुरुआत कर रहे पायलट को 7-10 लाख रुपए तक का पैकेज मिल सकता है। वहीं, केबिन क्रू 3-5 लाख और एअर ट्रैफिक कंट्रोलर 6-8 लाख प्रतिवर्ष कमा सकते हैं। एएमई, एमआरओ, डाटा एनालिटिक्स और एअरपोर्ट मैनेजमेंट जैसी तकनीकी व प्रबंधन की भूमिकाओं में शुरुआती वेतन 3-6 लाख रुपये होता है, जो अनुभव और जिम्मेदारी बढ़ने के साथ 15-20 लाख रुपये सालाना तक पहुंच सकता है।

  • राजीव गांधी राष्ट्रीय विमानन विश्वविद्यालय rgnau.ac.in/hi
  • इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी igrua.gov.in
  • जामिया मिल्लिया इस्लामिया jmi.ac.in भारतीय विमानन एकेडमी iaa.edu.in
  • सिविल एविएशन ट्रेनिंग कॉलेज, प्रयागराज catc.aai.aero
  • फ्रेंकलिन एविएशन एकेडमी

यदि आप मैट्रिक, इंटर या स्नातक पास हैं और एक स्टेबल, हाई-पैकेज और सम्मानजनक करियर की तलाश में हैं, तो विमानन क्षेत्र आपके लिए सुनहरा अवसर लेकर आया है। आने वाले वर्षों में यह सेक्टर न केवल रोजगार देगा बल्कि युवाओं को वैश्विक स्तर पर पहचान और तरक्की का मौका भी देगा।

  • सही कोर्स चुनें
  • मान्यता प्राप्त संस्थान से प्रशिक्षण लें
  • स्किल और कम्युनिकेशन पर ध्यान दें

एविएशन सेक्टर में आज की गई तैयारी, कल का उज्ज्वल भविष्य बन सकती है।

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