जमिन सर्वे को लेकर सरकार का बड़ा फैसला | नितीश कुमार ने कहा की बिना कागजात के भी..

जमिन सर्वे को लेकर सरकार का बड़ा फैसला | नितीश कुमार ने कहा की बिना कागजात के भी..

जमिन सर्वे को लेकर सरकार का बड़ा फैसला | नितीश कुमार ने कहा की बिना कागजात के भी..:-मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि सर्वेक्षण में भूस्वामियों को किसी तरह की कठिनाई नहीं होनी चाहिए। उन्होंने शनिवार को एक अणे मार्ग स्थित संकल्प में बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त कार्यक्रम की उच्चस्तरीय समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा- निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त कार्य को समयबद्ध तरीके से पूर्ण किया जाय। इस दौरान भूधारकों को किसी प्रकार की कठिनाई न हो, इसे सुनिश्चित किया जाय। भूधारकों को दस्तावेज अपलोड करने के लिये अधिक समय दिया जाय ताकि कार्यालयों में अनावश्यक भीड़ नहीं हो।

अंचल कार्यालयों में लंबित म्यूटेशन एवं परिमार्जन के मामलों का तेजी से अभियान चलाकर निष्पादन सुनिश्चित करें, ताकि भूधारकों को समुचित दस्तावेज मिल सके।

सर्वे कार्य हेतु दस्तावेज का काम तथा म्यूटेशन, परिमार्जन एवं अभिलेखों के दुरुस्त करने का कार्य समानांतर तरीके से चलते रहना चाहिये। उन्होंने सर्वेक्षण प्रक्रिया का व्यापक प्रचार-प्रचार करने और अंचल स्तर पर कर्मियों की प्रतिनियुक्ति का भी निर्देश अधिकारियों को दिया।

राज्य में चल रहे जमीन सर्वे के कार्य में रैयतों से ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से प्रपत्र-2 के जरिए जमीन का पूरा विवरण भरकर लिया जा रहा है। लेकिन, जमीन सर्वे की ऑनलाइन वेबसाइट में कुछ गांवों के नाम को लेकर समस्या आ रही है।

इनके नाम सूची से गायब हैं या एक ही गांव के नाम दो अलग-अलग क्रमांक संख्या पर दर्ज हैं। एक गांव का नाम दो स्थानों पर दर्ज होने से दूसरे का नाम सूची से हट गया है। हालांकि अभी इसे लेकर कोई सटीक आंकड़ा राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के पास नहीं है कि कितने गांवों के नाम सूची से गायब हैं, क्योंकि इस तरह की शिकायतें कुछ-कुछ स्थानों से आ रही है, इसके बाद ही विभाग को इसकी जानकारी हो रही है।

अब तक करीब तीन दर्जन ऐसे गांवों के बारे में सूचना मिल चुकी है। ऐसे मामलों में संबंधित जिलों के सर्वे कार्यालयों को इन मामलों को वापस कर दिया गया है। ताकि इसकी समुचित तरीके से मिलान कर पूरी जांच कर इसकी रिपोर्ट विभाग को भेजी जा सके। अब तक मुजफ्फरपुर से 18, गया से 12, औरंगाबाद, सहरसा, मधुबनी समेत कुछ अन्य जिलों से कुछ-कुछ की संख्या में ऐसे गांवों के बारे में विभाग को जानकारी मिल चुकी है।

इस मामले की पड़ताल करने के बाद इन्हें जमीन सर्वे के लिए तैयार की गई विशेष वेबसाइट की सूची में ठीक करवा दिया जाएगा। विभाग के स्तर पर इससे संबंधित कवायद शुरू भी कर दी गई है। सर्वे वेबसाइट की सूची में छूटे ऐसे गांवों के नाम लगान सर्वे में मौजूद है। इन गांवों की भू-लगान रसीद भी कटी हुई है। दाखिल-खारिज वाली वेबसाइट की सूची में भी इन गांवों के नाम हैं और इनके मौजों के जमीन की जमाबंदी भी हो रही है। सिर्फ जमीन सर्वे वाली वेबसाइट में मौजूद गांवों की सूची में इन गांवों के नाम नहीं हैं।

जहां-जहां से इस तरह रही है। मामले की जांच करके उस जिले के गांवों की सूची में इसे तुरंत अपडेट कराया जाएगा। लोगों से जैसे-जैसे इस तरह की शिकायत मिलेगी, इसका समाधान कर दिया जाएगा।

आम नागरिकों एवं भू-धारियों को सूचित किया जाता है कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, पटना द्वारा उपलब्ध कराई जा रही ऑन-लाइन सेवाओं का लाभ लेने के लिए स्वयं के मोबाइल न० से रजिस्टर करें तथा अपने अकाउंट से ही सेवाओं का लाभ उठाएँ, ताकि भविष्य में सेवा से संबन्धित आवश्यक सूचनाएँ आप अपने लॉगिन से प्राप्त कर सकें। अगर आप किसी अन्य के आईडी से सेवा का लाभ ले रहे हैं तो उसके संपर्क में रहें। इस प्रकार आपको ऑनलाइन सेवाओं से सम्बंधित अपेक्षित सूचनाएँ उपलब्ध कराई जा सकेंगी। प्रायः आवेदक से संपर्क करने पर यह पाया जाता है कि आवेदन के साथ अंकित मोबाइल किसी अन्य व्यक्ति, साइबर कैफे या गलत नंबर अंकित रहता है, जिससे आवेदक से संपर्क स्थापित नहीं हो पाता है।

https://state.bihar.gov.in/LRC पर उपलब्ध लिंक “नागरिक सेवाएँ” पर क्लिक करें तथा इन सेवाओं का लाभ लेने की प्रक्रिया की जानकारी हेतु “नागरिक सुविधाओं के बारे में जानकारी” लिंक पर क्लिक करें।

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