ट्रेन ड्राइवर (लोको पायलट) कैसे बने ? Train driver ( Loco pilot) Kaise bane?

ट्रेन ड्राइवर (लोको पायलट) कैसे बने ?

ट्रेन ड्राइवर (लोको पायलट) कैसे बने ? Train driver ( Loco pilot) Kaise bane?:- भारत में रेलवे देश की सबसे बड़ी परिवहन प्रणाली है, और इसमें काम करने वाले लोको पायलट यानी ट्रेन ड्राइवर की नौकरी न केवल जिम्मेदारी भरी होती है, बल्कि सम्मान और अच्छी सैलरी वाली भी है। अगर आप भी ट्रेन चलाने का सपना देखते हैं, तो इस आर्टिकल में हम आपको लोको पायलट बनने की पूरी प्रक्रिया बताएंगे।

लोको पायलट भारतीय रेलवे का वह कर्मचारी होता है, जो ट्रेन को चलाने, उसकी गति नियंत्रित करने, समय पर रोकने और सुरक्षित तरीके से गंतव्य तक पहुँचाने का काम करता है। पहले इस पद को “ड्राइवर” कहा जाता था, लेकिन अब आधिकारिक नाम Loco Pilot है।

ट्रेन ड्राइवर बनने के लिए सबसे पहले आपको 10वीं कक्षा पास करनी होगी और उसके बाद ITI (Industrial Training Institute) किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से करनी जरूरी है। ITI में आप फिटर, इलेक्ट्रिशियन, मोटर मैकेनिक, टर्नर, वायरमैन जैसे ट्रेड चुन सकते हैं। इसके अलावा, अगर आपने डिप्लोमा या डिग्री इंजीनियरिंग में (मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स या ऑटोमोबाइल) किया है, तो भी आप आवेदन कर सकते हैं।

आपकी उम्र कम से कम 18 साल और अधिकतम 28 साल होनी चाहिए। हालांकि, आरक्षित श्रेणियों (SC, ST, OBC) को सरकारी नियमों के अनुसार ऊपरी आयु सीमा में छूट मिलती है। शारीरिक रूप से फिट होना भी जरूरी है।

लोको पायलट का मुख्य काम ट्रेन को सुरक्षित तरीके से चलाना होता है। वह समय पर ट्रेन को शुरू और रोकता है, सिग्नल और ट्रैक की स्थिति पर ध्यान रखता है, ट्रेन की गति को नियंत्रित करता है और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत सही निर्णय लेता है। इसके अलावा, ट्रेन के इंजन की तकनीकी जांच, सफर के दौरान होने वाली किसी खराबी की जानकारी कंट्रोल रूम को देना, और असिस्टेंट लोको पायलट के साथ मिलकर ट्रेन को सही समय पर गंतव्य तक पहुँचाना भी उसकी जिम्मेदारी होती है।

लोको पायलट की नौकरी रेलवे में एक अच्छी सैलरी वाली सरकारी नौकरी है। शुरुआत में असिस्टेंट लोको पायलट के तौर पर बेसिक पे लगभग ₹19,900 होता है, लेकिन विभिन्न भत्तों (जैसे रनिंग अलाउंस, डीए, एचआरए) के साथ कुल मासिक वेतन ₹35,000 से ₹45,000 तक पहुंच जाता है। अनुभव और प्रमोशन के साथ, जैसे-जैसे आप पैसेंजर या मेल/एक्सप्रेस ट्रेन के लोको पायलट बनते हैं, वेतन ₹60,000 से ₹80,000 या उससे ज्यादा भी हो सकता है।

RRB ALP और लोको पायलट की सैलरी 7वें वेतन आयोग के अनुसार होती है।

लोको पायलट बनने के लिए आपको RRB ALP Exam (Railway Recruitment Board Assistant Loco Pilot) पास करना होता है। यह परीक्षा पूरे देश में रेलवे भर्ती बोर्ड द्वारा आयोजित की जाती है और इसमें तीन मुख्य चरण होते हैं:

  1. CBT-1 – इसमें सामान्य ज्ञान, गणित, रीजनिंग और बेसिक साइंस के प्रश्न होते हैं।
  2. CBT-2 – इसमें दो पार्ट होते हैं, पहला सामान्य विषय और दूसरा आपके ITI या डिप्लोमा के ट्रेड से जुड़े तकनीकी प्रश्न।
  3. CBAT (Computer Based Aptitude Test) – यह सिर्फ लोको पायलट पद के लिए होता है और इसमें आपकी प्रतिक्रिया, एकाग्रता और निर्णय क्षमता की जांच की जाती है।

इन चरणों को पास करने के बाद आपका मेडिकल टेस्ट होता है, जिसमें आपकी आंखों की रोशनी, रंग पहचान और फिटनेस चेक की जाती है। इसके बाद रेलवे में ट्रेनिंग मिलती है और फिर आपको ट्रेन ड्राइव बनने का मौका मिलता है।

भारतीय रेलवे में लोको पायलट पद कई श्रेणियों में बंटा होता है:

  1. असिस्टेंट लोको पायलट (ALP) – ट्रेन ड्राइवर की मदद करता है।
  2. सीनियर असिस्टेंट लोको पायलट – अनुभव के बाद प्रमोशन।
  3. लोको पायलट (Goods) – मालगाड़ी चलाता है।
  4. लोको पायलट (Passenger) – पैसेंजर ट्रेन चलाता है।
  5. लोको पायलट (Mail/Express) – तेज और लंबी दूरी की ट्रेन चलाता है।

लोको पायलट बनने के लिए रेलवे में सीधी भर्ती RRB (Railway Recruitment Board) के माध्यम से होती है। यह प्रक्रिया इस प्रकार है:

  • ITI (NCVT/SCVT से मान्यता प्राप्त)
  • या डिप्लोमा/डिग्री इंजीनियरिंग (मैकेनिकल/इलेक्ट्रिकल/ऑटोमोबाइल)
  • रेलवे समय-समय पर Assistant Loco Pilot (ALP) की भर्ती निकालता है।
  • आवेदन RRB की आधिकारिक वेबसाइट से ऑनलाइन करना होता है।

RRB ALP भर्ती परीक्षा में तीन part होते हैं:-

part1

  • CBT-1 (कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट – 1)
  • सामान्य ज्ञान, गणित, रीजनिंग, जनरल साइंस
  • कुल समय: 60 मिनट

part 2

  • CBT-2 (कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट – 2)
  • पार्ट A – गणित, रीजनिंग, जीके, बेसिक साइंस
  • पार्ट B – ट्रेड से संबंधित तकनीकी प्रश्न (ITI/डिप्लोमा के आधार पर)

part 3

  • CBAT (Computer Based Aptitude Test)
  • केवल लोको पायलट पद के लिए
  • इसमें कोई नेगेटिव मार्किंग नहीं होती, लेकिन क्वालिफाई करना जरूरी है।
  • फिटनेस टेस्ट, विजन टेस्ट, रंग पहचान टेस्ट आदि
  • लोको पायलट के लिए आंखों की दृष्टि बहुत महत्वपूर्ण होती है।
  • चयन होने के बाद रेलवे ट्रेनिंग देता है (लगभग 6 महीने से 1 साल)
  • ट्रेनिंग में लोको इंजन की तकनीक, सिग्नलिंग सिस्टम, सेफ्टी रूल्स आदि सिखाए जाते हैं।
  • 10वीं के बाद ITI/डिप्लोमा जरूर करें।
  • रेलवे और RRB की आधिकारिक वेबसाइट पर भर्ती की अपडेट देखते रहें।
  • CBT-1 और CBT-2 की तैयारी के लिए पिछले साल के प्रश्नपत्र हल करें।
  • अपनी फिटनेस और आंखों की रोशनी का ध्यान रखें।

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