बिहार के सभी यूनिवर्सिटी में स्नातक पार्ट-1 का इंटरनल परीक्षा इस दिन से शुरू

बिहार के सभी यूनिवर्सिटी में स्नातक पार्ट-1 का इंटरनल परीक्षा इस दिन से शुरू

बिहार के सभी यूनिवर्सिटी में स्नातक पार्ट-1 का इंटरनल परीक्षा इस दिन से शुरू:-बीआरएबीयू में चार वर्षीय स्नातक कोर्स (सत्र 2025-29) में नामांकन लेने वाले डेढ़ लाख से अधिक छात्र छात्राओं का शैक्षणिक भविष्य पटरी से उतरता दिख रहा है.

नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के छह माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी छात्रों का रजिस्ट्रेशन शुरू नहीं हो सका है, जबकि रेगुलेशन के अनुसार पहले सेमेस्टर की इंटरनल परीक्षा अब तक हो जानी चाहिए थी.

नये सेमेस्टर सिस्टम (4 वर्षीय कोर्स) के तहत, फर्स्ट सेमेस्टर की मुख्य परीक्षा नवंबर-दिसंबर में प्रस्तावित है, लेकिन विवि अब नवंबर में रजिस्ट्रेशन कराने की बात कह रहा है. इस भारी विलंब का सीधा असर छात्रों के भविष्य पर पड़ रहा है.

विश्वविद्यालय सूत्रों के अनुसार, सत्र विलंब होने के पीछे विश्वविद्यालय की लापरवाही और संबद्ध एवं अंगीभूत कॉलेजों की मनमानी मुख्य वजह वजह है. इस सत्र के लिए आवेदन प्रक्रिया अप्रैल में ही शुरू हो गई थी, लेकिन नामांकन पूरा करने में छह महीने से अधिक का समय लग गया.

वहीं ऑनलाइन आवेदन के आधार पर तीन मेरिट लिस्ट जारी हुई, जिसमें लगभग 90 हजार सीटें भरीं. बाद में ऑन स्पॉट एडमिशन का अवसर मिला, तो 60 हजार से अधिक विद्यार्थियों ने नामांकन लिया. कई कॉलेजों ने विवि द्वारा तय सीटों से अधिक नामांकन ले लिया और बाद में सीट बढ़ाने के लिए विवि पर दबाव बनाना शुरू कर दिया.

नामांकन प्रक्रिया के बीच में ही एडमिशन कमेटी की बैठक करके कॉलेजों में सीटों का निर्धारण किया गया. बता दें कि नये 4 वर्षीय कोर्स में हर 6 महीने पर सेमेस्टर की परीक्षा होनी है, और 3 महीने पर कॉलेज स्तर पर मिड सेमेस्टर टेस्ट आयोजित करना अनिवार्य है, जिसके अंक फाइनल रिजल्ट में जुड़ते हैं.

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के अंगीभूत व संबद्ध कॉलेजों में स्नातक सत्र 2025-29 में नामांकन लेने वाले छात्र-छात्राओं का रजिस्ट्रेशन नवंबर में होगा। इस सत्र में डेढ़ लाख से अधिक छात्र-छात्राओं का नामांकन हुआ है। परीक्षा विभाग ने इनका रोल नंबर तैयार कर लिया है। पिछले महीने नामांकन की प्रक्रिया पूरी की हुई है, जबकि रेगुलेशन के अनुसार फर्स्ट सेमेस्टर की इंटरनल परीक्षा अबतक हो जानी चाहिए। वहीं, मुख्य परीक्षा नवंबर-दिसंबर में प्रस्तावित है।

स्नातक में नया सिस्टम लागू होने के बाद सत्र लगातार विलंब हो रहा है। पहले 3 वर्षीय कोर्स में सालाना परीक्षा होती थी। अब 4 वर्षीय कोर्स सेमेस्टर सिस्टम के साथ ही लागू किया गया है, जिसमें हर 6 महीने पर सेमेस्टर की परीक्षा होनी है। वहीं, 3 महीने पर कॉलेज स्तर से मिड सेमेस्टर टेस्ट आयोजित करना है। इसका अंक जोड़कर ही फाइनल रिजल्ट जारी किया जाता है। इस साल अप्रैल में ही आवेदन के लिए पोर्टल खोल दिया गया, लेकिन 6 महीने से अधिक समय नामांकन की प्रक्रिया पूरी करने में लग गया। इसके पीछे विश्वविद्यालय की लापरवाही और कॉलेजों की मनमानी मुख्य वजह बताई जा रही है।

ऑनलाइन आवेदन के आधार पर 3 मेरिट लिस्ट जारी की गई, जिसमें करीब 90 हजार सीट भरी। वहीं, ऑन स्पॉट एडमिशन के लिए अवसर मिला तो 60 हजार से अधिक विद्यार्थियों का नामांकन हुआ। कई कॉलेज तो विश्वविद्यालय की ओर से निर्धारित सीट से अधिक नामांकन ले लिया। बाद में सीट बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय पर दबाव बनाने लगे।

पटना और पाटलिपुत्र विश्वविद्यालयों में छठ पूजा की छुट्टी के बाद इंटरनल परीक्षाओं का दौर शुरू हो जाएगा। नवंबर में इंटरनल परीक्षाएं और दिसंबर व जनवरी में मुख्य परीक्षा होगी। इस बीच तेजी से सिलेबस पूरा करने पर जोर होगा। नए सत्र के यूजी व पीजी प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाएं होनी हैं।

राजभवन का निर्देश है कि हर हाल में सत्र नियमित रखा जाये। स्नातक में दिसंबर में परीक्षाएं और जनवरी में दूसरे सेमेस्टर की पढ़ाई शुरू हो। पीजी में चूंकि नामांकन देर से हुआ है, इसलिए जनवरी में परीक्षाएं हो सकती हैं।

च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के तहत स्नातक में भी सेमेस्टर सिस्टम लागू करते हुए हर सेमेस्टर में दो इंटरनल परीक्षाएं अनिवार्य की गई हैं। दोनों परीक्षाओं में पास होने पर ही मुख्य परीक्षा में बैठने की अनुमति मिलेगी।

यूजी-पीजी की प्रथम सेमेस्टर परीक्षाएं दिसंबर में कराने का पूरा प्रयास होगा। सत्र को हर हाल में नियमित रखा जायेगा। वोकेशनल कोर्स के नामांकन में कुछ देर होगी। लेकिन चूंकि उसमें वार्षिक परीक्षा होती है, उसकी परीक्षा भी समय से ले ली जाएगी।

बीआरएबीयू में स्नातक चौथे सेमेस्टर सत्र 2023-27 में चार विषयों के प्रश्नपत्र तैयार करने के लिए शिक्षक नहीं हैं। नतीजतन इन विषयों के प्रश्नपत्र को तैयार करने में परेशानी हो रही है।

चौथे सेमेस्टर में एबीलिटी एनहांसमेंट कोर्स के तहत एनएसएस, स्काउट गाइड, एनजीओ, एनसीसी जैसे विषय शुरू किये गये हैं। एकेडमिक काउंसिल से पास होने के बाद इसे कॉलेजों में लागू किया गया। लागू होने के बाद सभी कॉलेजों को इन विषयों की पढ़ाई कराने के लिए भी कहा गया, लेकिन शिक्षक नहीं होने से इन विषयों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है।

इन विषयों को पढ़ाने के लिए नोडल विभाग भी विवि में नहीं बनाया गया है। नोडल विभाग का काम इन विषयों की पढ़ाई का मन्वय करना था। बीआरएबीयू के परीक्षा नियंत्रक प्रो. राम कुमार का कहना है कि दूसरे विश्वविद्यालय के विषय विशेषज्ञ से इन विषयों का प्रश्न तैयार कराया जायेगा। उधर, छठ की छुट्टी के बाद स्नातक चौथे सेमेस्टर के अलावा कई अन्य परीक्षाएं होनी हैं। लॉ की परीक्षा भी होगी। बीएड चौथे और छठे सेमेस्टर की भी परीक्षा होनी है। परीक्षा विभाग छठ की छुट्टी के बाद इन परीक्षाओं के फार्म जारी करेगा। परीक्षा फार्म भरने के बाद परीक्षा की तारीख जारी की जायेगी।

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