टॉपर कि सफलता-मेहनत व एकाग्रता सफलता की कुंजी:-पीएससी 67वीं का फाइनल रिजल्ट जारी हो चुका है. 802 पदों की वैकेंसी में कुल 799 उम्मीदवार सफल हुए हैं सफल हुए प्रतिभागियों ” ने अपनी सफलता की कहानी को बया करते हुए कहा कि दिन-रात कड़ी मेहनत और अपने लक्ष्य के प्रति एकाग्रता और समर्पण से यह सब हासिल हुआ है. यदि आप सेल्फ स्टडी और अपने लक्ष्य के प्रति एकाग्र होकर रास्ता तय करते हैं, तो सफलता जरूर मिलती है.
66 वीं में था 52वां रैंक, इस बार टॉपर बने अमन…….01रैंक
बीपीएससी 67वी में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले पटना जिले के बेदना के रहने वाले अमन आनंद लगातार दूसरे प्रयास में सफल रहे हैं. अमन को हवी बीपीएससी में भी 520 रैंक था और वह मधुबनी मे रूरल डेवलपमेंट ऑफिसर के पद पर तैनात हैं. उन्होंने शुरू से ही दिल्ली में रहकर पढ़ाई की है. उनका सब्जेक्ट सोशियोलॉजी है. उन्होंने बताया कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि उन्हें पहला रैंक प्राप्त होगा. टॉप 30 में आने की सोच रहा था. पिता दिल्ली में ही शिक्षक है, जबकि माता गृहिणी है. मैं यूपीएससी सिविल सेवा की तैयारी कर रहा था. उसी दौरान बीपीएससी 66वीं व 6वीं की परीक्षा भीदी
ऑडिटर की ट्रेनिंग कर रही हैं जहानाबाद की निकिता…….02रैंक
जहानाबाद की निकिता कुमारी ने कहा कि सफलता से काफी खुश हू. ट्रेनिंग के दौरान ही लोगों ने हल्ला किया कि निकिता बीपीएससी 67वी की सेकेंड टॉपर है. इससे खुशी का ठिकाना नही है. मेरे लिए स्पेशल मोमेंट था. हाल में बीपीएससी द्वारा जारी ऑडिटर रिजल्ट में सफलता पायी थी. इसके बाद अभी ट्रेनिंग चल रही है. बीपाई गया में ट्रेनिंग चल रही है. एक सप्ताह के लिए हैदराबाद में आयी है. रिजल्ट की खुशी है. यह तीसरा प्रयास है, पहली बार गैस में शामिल हुई थी.
उम्मीद से काफी बेहतर रहा डीएवी जहानाबाद से 12 तक की पढ़ाई हुई पटना वीमेंस कॉलेज से मैथ में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी हुई. इसके बाद बीएड भी किया. बीपीएससी की तैयारी शुरू से जारी थी. ऑडिटर में सलेक्शन होने से खुश थी, लेकिन बीपीएससी में दूसरा स्थान प्राप्त करने की काफी खुशी है. पिता अजय कुमार देव बीजेपी के जिला अध्यक्ष है व माता अनीता कुमारी हाउस वाइफ है,
पहले प्रयास में ही थर्ड टॉपर बनीं अंकिता…….03रैंक
खगड़िया जिले के रक्ता प्रखंड अंतर्गत टैंक जोरावरपुर पंचायत के वार्ड नंबर 10 नयागांव शिरोमणिटोला निवासी बिनोद चौधरी एवं सुचिता चौधरी की पुत्री अंकिता चौधरी ने सूबे में तीसरा स्थान प्राप्त कर जिले का नाम रोशन किया है, अकिता चौधरी का चयन बिहार प्रशासनिक सेवा एसडीएम पद के लिए हुआ है. अंकित चौधरी ने बोकारो से मैट्रिक एवं इंटर बिस्सा कृषि विवि रांची से स्नातक करने के बाद एमबीए को 6 माह तक जीविका के बीपीएम पद पर सुल्तानगंज में कार्यरत रही. पहली बार में ही उन्होंने सफलता अर्जित की.
असफलता से सीख खालिद हुए सफल…….04रैंक
भोजपुर जिले के संदेश प्रखंड के सिरकीचक के टैंक खलिद हयात को चौथा स्थान प्राप्त हुआ है, छोटी बहन जुबी हयात ने भी 325वीं रैंक प्राप्त कर सफलता अर्जित की है. इनके पिता सैयद जावेद हयात बिहार पुलिस सेवा में है. प्रारंभिक पढ़ाई डीएवी कैट गया में हुई. वीर कुंवर सिंह कॉलेज आरा से अंग्रेजी में स्नातक की पढ़ाई पूरी कर सिविल सेवा की तैयारी में जट जाने वाले हयात को तीसरे प्रयास में सफलता मिली है. 65वीं में दो तथा 66वीं नौ अंक से चूक गये थे. उन्होंने बताया कि पहली दो असफलता ने कमजोर पहलुओं की पहचान में मदद की.
ऋषभ ने कोचिंग से ज्यादा की सेल्फ स्टडी…….05रैंक
बेगूसराय के रहने वाले ऋषभ आनंद को एक बीपीएससी में पाचवा स्थान प्राप्त हुआ है ऋषभ की पढ़ाई बेगूसराय से ही हुई है. कोचिंग से ज्यादा उन्होंने सेल स्टडी पर ध्यान दिया, बीपीएससी 66वीं में 46वा रैक प्राप्त किया था. अभी वह वर्तमान में अवर जिला परिवहन पदाधिकारी भागलपुर में हैं. उनका विषय मनोविज्ञान है. उनके पिता किसान है और माता सरकारी शिक्षक हैं. उन्होंने बताया कि 90 सेल्फ स्टडी और 10% कोचिंग पर वह डिपेंडेंट रहे है जिसके कारण परिणाम बेहतर रहा,
पीयू के गोल्ड मेडलिस्ट हैं प्रियांशु…….06रैंक
अररिया के प्रियांशु कुमार को छठा स्थान प्राप्त हुआ. प्रियांशु पटना यूनिवर्सिटी सत्र 2016-19 के यूजी केमिस्ट्री व पीजी केमिस्ट्री सत्र 2019- [21] के गोल्ड मेडलिस्ट है. इन्हें राज्यपाल द्वारा दो-दो गोल्ड मेडल मिला है. प्रियांशु ने कहा कि सेल्फ की. मुझे असिस्टेट प्लान ऑफिसर का पद मिला है. यूपीएससी में सफलता प्राप्त करना है. पिता हरिनारायण दास व माता काफी खुश है. इससे पहले मेरा सेलेक्शन बीपीएससी के सहायक लोक स्वच्छता एवं अपशिष्ट प्रबंधन पदाधिकारी व सचिवालय सहायक में भी हो गया है.
अपेक्षा ने सफलता का क्रेडिट बहन को दिया…….07रैंक
कोडरमा झुमरी तिलैया की अपेक्षा मोदी को बीपीएससी 67वीं में सातवां स्थान प्राप्त हुआ है. स्कूलिंग व कॉलेज कोडरमा और रांची से पूरी हुई है. पिताजी कोडरमा में एग्रीकल्चर ऑफिसर है और माता हाउसवाइफ है. उन्होंने पूरा क्रेडिट अपनी छोटी बहन अंशिका को दिया है उन्होंने बताया कि पढ़ाई के दौरान उनकी छोटी बहन उन्हें प्रेरणा देने का काम करती थी. उन्होंने बताया कि इस परीक्षा के लिए कोई भी कोचिंग नहीं की है. सेल्फ स्टडी व लगातार एकाग्रता से ही परीक्षा में उत्तीर्ण हुई.
सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहीं सोनल…….08रैंक
बीपीएससी 67वी में आठवां रैंक हासिल करने वाली सोनल सिंह मूल रूप से भोजपुर की रहने वाली है. अभी वह पटना में अपने परिवार के साथ रह रही है. सोनल ने बीटेक की पढ़ाई की है. इसके बाद सिविल सर्विसेज की तैयारी करने में जुट गयी थी. इनकी पढ़ाई राजस्थान से हुई है. उन्होंने कहा कि इस परीक्षा की तो तैयारी की ही थी, साथ ही यूपीएससी की भी तैयारी जारी है. मुख्य फोकस यूपीएससी की परीक्षा पर है. पिता धनंजय सिंह व माता नीलू सिंह सफलता से काफी खुश हैं.
समस्तीपुर में सप्लाइ इंस्पेक्टर हैं मुकेश…….09रैंक
मुकेश कुमार यादव को इस बार नौवां रैंक प्राप्त हुआ है. इससे पहले बीपीएससी 66वीं में मुकेश कुमार का रैंक 231वा था. अभी समस्तीपुर रोसड़ा में सप्लाई इंस्पेक्टर है. मुकेश कुमार ने बताया कि पढ़ाई लगातार जारी रही थी. परिवार का सपोर्ट हमेशा मिला. पिता रामनंदन यादव व माता रामवेशर देवी का आशीर्वाद मिला और पुनः सफलता मिली है. दरभंगा से पढ़ाई पूरी हुई. फिजिक्स से ग्रेजुएशन किया. वहीं, बीपीएससी में हिंदी साहित्य को ऑप्शन में रखा था. यूपीएससी की भी तैयारी जारी है..
66वीं में तरूण को मिला था 87वां रैंक…….10रैंक
10वी टॉपर तरुण कुमार पांडे मूल रूप से छपरा के रहने वाले हैं. तरुण कुमार पांडे को बीपीएससी 66वीं में 87वां स्थान प्राप्त हुआ था. वहीं, इस बार 67वी में 10वां स्थान प्राप्त कर डीएसपी बने हैं. इससे पहले वह मोतिहारी में ब्लॉक पंचायती राज ऑफिसर है. इनके पिता किसान है और माता हाउसवाइफ है. उन्होंने बताया कि इसका पूरा क्रेडिट उनके स्वर्गीय भाई वरुण कुमार पांडे को जाता है. उनके भाई की कोरोना काल में कोविड के कारण मौत हो गयी वह उन्हें बीपीएससी करने की प्रेरणा देते थे.
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