बिहार के मैट्रिक इंटर पास विधार्थियो को मिल रहा है ₹24 हजार – यहाँ से करें अप्लाई

बिहार के मैट्रिक इंटर पास विधार्थियो को मिल रहा है ₹24 हजार - यहाँ से करें अप्लाई

बिहार के मैट्रिक इंटर पास विधार्थियो को मिल रहा है ₹24 हजार – यहाँ से करें अप्लाई:-विकसित बिहार के 7 निश्चय में से एक आर्थिक हल, युवाओं को बल के अन्तर्गत|

राज्य के 7 लाख से अधिक युवा इस योजना से लाभान्वित ।

  • ✓ बिहार राज्य के निवासी 20-25 वर्ष आयु वर्ग के 12वीं उत्तीर्ण बेरोजगार युवा जो अध्ययनरत नहीं हो या उच्चतर शिक्षा प्राप्त नहीं किये हों, वह रोजगार तलाशने के दौरान अधिकतम दो वर्षों तक आर्थिक मदद के रूप में सरकार द्वारा 1000 रु० प्रतिमाह की दर से स्वयं सहायता भत्ता के लिए आवेदन दे सकते हैं।
  • ✓ इस योजनान्तर्गत लाभान्वित युवक/युवतियों को कुशल युवा कार्यक्रम के तहत भाषा संवाद, व्यवहार कौशल एवं बुनियादी कम्प्यूटर ज्ञान का निःशुल्क प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराया जा रहा है।

www.7nischay-yuvaupmission.bihar.gov.in अथवा अपने जिले में स्थित जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र (DRCC) से प्राप्त की जा सकती है। टोल फ्री नंबर : 18003456444

बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड स्कीम के तहत हर साल बांटे जाने वाले करोड़ों के कर्ज को वापस लेने के लिए शिक्षा विभाग एक खास ब्लूप्रिंट बना रहा है. इसके तहत इन कर्ज की वसूली के लिए अब विभाग की ओर से सख्ती नहीं होगी. दरअसल, विभाग की रणनीति है कि विद्यार्थियों को उनके पैरों पर खड़ा (आत्म निर्भर) किया जाए और कॉलेजों के जरिये ही उनको प्लेसमेंट दिलवाया जाए.

ताकि विद्यार्थियों को कर्ज लौटाने में कोई समस्या नहीं हो और विभाग को उनका कर्ज भी लौट जाए. इस रणनीति के तहत शिक्षा विभाग ने स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड स्कीम के लिए बने एमएनएसएसबीवाय (बीएससीसी) पोर्टल के समानांतर एक खास पोर्टल विकसित किया है. इसके तहत बिहार के अंदर के सभी कॉलेजों को जोड़ा जायेगा. गौरतलब है कि राज्य में हर साल औसतन 60 से 80 हजार विद्यार्थियों को स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड स्कीम के तहत ऋण दिया जाता है. कुल कर्ज की केवल 10-15 प्रतिशत ही वापसी हो पा रही है.

आधिकारिक जानकारी के अनुसार यह कवायद अगले शैक्षणिक सत्र 2025-26 से शुरू हो जायोगी. शिक्षा विभाग निजी शिक्षण संस्थानों को निर्देशित करने जा रहा है कि वे ऑरिएंटेशन प्रोग्राम और नोटिस डिस्पले के माध्यम से बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना से मिली राशि और लौटायी जाने वाली ऋण की राशि का स्पष्ट उल्लेख करें.

इन संस्थानों को अपनी एक खास वेबसाइट बनानी होगी, जिसमें एफिलिएशन, फैकल्टी, एकेडमिक कैलेंडर, करिकुलम, फीस स्ट्रक्चर, पास आउट स्टूडेंट प्रोफाइल और प्लेसमेंट विवरणी को अनिवार्य तौर पर दिखाना होगा. इसके अलावा पासआउट छात्रों का ट्रैकिंग सिस्टम भी बनाते हुए ऋण वापसी प्रक्रिया को वेबसाइट पर दिखाना होगा. शिक्षण संस्थानों की तरफ से प्लेसमेंट सेल का इन्फ्रास्ट्रक्चर, रिकार्ड मैनेजमेंट और ट्रेनिंग फैसिलिटीज जैसी सुविधाएं उ उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा. संबंधित संस्थानों को एआइएसएचइ कोड को प्राप्त करना अनिवार्य होगा.

निजी संस्थानों को अपने विभिन्न प्रकरण के आंकड़े शिक्षा विभाग की तरफ से विकसित किये गये पोर्टल पर अपलोड करना होगा. इस पोर्टल के जरिये विभाग निजी कॉलेजों की गतिविधियों की मॉनीटरिंग कर सकेगा. फिलहाल विभाग स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड स्कीम को और अधिक प्रभावी बनाने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए प्रयास करने जा रहा है. वह यह सुनिश्चित कराने की कोशिश करेगा कि संबंधित कॉलेज विद्यार्थियों के प्लेसमेंट कराने की क्षमता स्वयं विकसित करे.

  • 12वीं पास बिहार के विद्यार्थियों की उच्च शिक्षा के लिए इसको लाया गया
  • इस स्कीम के तहत विद्यार्थियों को 4 लाख रुपये तक का लोन
  • तकनीकी, पॉलिटेक्निक या सामान्य पाठ्यक्रमों में उच्च शिक्षा के लिए उपयोग
  • किताबों, स्टेशनरी और लैपटॉप की खरीद व फीस के भुगतान के लिए भी उपयोग
  • सामान्य छात्रों के लिए 4% ब्याज दर, महिलाओं, ट्रांसजेंडरों और विकलांगों के लिए 1% ब्याज दर
  • कोर्स पूरा होने और नौकरी पाने के बाद लोन राशि का भुगतान करना होता है
  • हाल ही में यह सुविधा विदेश में उच्च शिक्षा पाने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी शुरू की गयी है
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