यदि आप भी है स्टुडेंट्स तो एडुकेशन लोन के बारे में जाने सम्पूर्ण जानकारी

यदि आप भी है स्टुडेंट्स तो एडुकेशन लोन के बारे में जाने सम्पूर्ण जानकारी

यदि आप भी है स्टुडेंट्स तो एडुकेशन लोन के बारे में जाने सम्पूर्ण जानकारी- अच्छी नौकरी और बेहतर भविष्य के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है। परंतु उच्च शिक्षा की ऊंची लागत कई छात्रों के लिए एक बड़ी स्कावट बन सकती है, जिससे उनके शैक्षणिक सपनों को पूरा करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में शिक्षा ऋण इस वित्तीय बोझ को कम करने में मदद कर सकता है। ये आमतौर पर बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और अन्य वित्तीय संस्थानों द्वारा दिए जाते हैं।

शिक्षा ऋण कई प्रकार के होते हैं। जो छात्र भारत में पढ़ाई करना चाहते हैं, उनके लिए डोमेस्टिक एजुकेशन लोन उपलब्ध है। विदेश में पढ़ाई करने के लिए इंटरनेशनल एजुकेशन लोन होता है, जबकि शॉर्ट टर्म या स्किल डेवलपमेंट कोर्स के लिए वोकेशनल कोर्स लोन प्रदान किया जाता है।

शिक्षा ऋण पर ब्याज दर आमतौर पर 7% से 15% प्रति वर्ष के बीच होती है। इसके अतिरिक्त, प्रोसेसिंग फीस 0.5% से 2% तक होती है।

इस ऋण की राशि कोर्स और बैंक की नीति पर निर्भर करती है। भारत में पढ़ाई के लिए 4 लाख से 10 लाख तक का ऋण मिल सकता है, जबकि विदेश में पढ़ाई के लिए 15 लाख से 50 लाख तक का ऋण मिलता है। 4 लाख तक के ऋण पर गारंटी की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन इससे अधिक राशि के लिए गारंटी या सह-आवेदक जरूरी है।

मोरेटोरियम पीरियड वह समय होता है जब ऋण चुकारे की किस्तें शुरू नहीं होतीं। यह आमतौर पर पढ़ाई पूरी होने के बाद 6 महीने से 1 साल तक रहता है, जिससे छात्र को रोजगार प्राप्त करने का समय मिलता है। ईएमआई योजना के तहत ऋर्जदार को ब्याज और मूलधन की किस्तें 7 से 15 साल में चुकानी होती हैं।

कुछ बैंक प्री-पेमेंट विकल्प भी देते हैं, जिससे ऋण का भुगतान पहले किया जा सकता है। समय पर चुकौती न करने पर पेनल्टी लगती है। कुछ योजनाओं में सरकार या वित्तीय संस्थान ब्याज पर सब्सिडी देते हैं, जिससे व्याज दर कम हो जाती है। समय पर भुगतान करने से क्रेडिट स्कोर में सुधार होता है, जो भविष्य में वित्तीय सहायता प्राप्त करने में मदद करता है।

शिक्षा ऋण के तहत ट्यूशन फीस, किताबें और परीक्षा शुल्क, हॉस्टल और भोजन का खर्च, लैपटॉप और अन्य आवश्यक उपकरण और विदेश में पढ़ाई के लिए यात्रा खर्च शामिल होते हैं।

भारत में आयकर अधिनियम की धारा 80ई के तहत शिक्षा ऋण के ब्याज भुगतान पर कर छूट मिलती है। यह लाभ ऋण चुकौती शुरू होने के पहले 38 वर्षों तक मिलता है।

2023 में आई एक रिपोर्ट की मानें तो देश में 3 करोड़ से ज्यादा लोग डेटिंग एप्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। इनमें जहां 67 फीसदी यूजर्स पुरुष हैं, वहीं 33 फीसदी यूजर्स महिलाएं। जब इतनी अधिक संख्या में लोगों की यहां मौजूदगी है तो ठगों की नजर भी यहां स्कैम करने की बनी रहती है। इसलिए पहले तो जान लें कि ये ठगी होती कैसे है और आखिर आपको इससे बचना कैसे है।

यह समस्या खासतौर पर मैट्रिमोनियल साइट्स पर देखने को मिलती है। इसमें थोखेचाज नकली पहचान, झूठी तस्वीरें और गढ़ी हुई कहानियों का इस्तेमाल करते हैं। कई बार वे शादी के नाम पर भरोसा जीतते हैं और फिर किसी आपातकालीन स्थिति का बहाना बनाकर पैसे मांगते हैं। इसके बाद जैसे ही उन्हें पैसे मिल जाते हैं उनका अकाउंट डिएक्टिवेट हो जाता है।

इसमें जिन यूजर्स के साथ स्कैम हुआ उनका कहना था कि उनके पास किसी अकाउंट से ‘इंटरेस्ट रिक्वेस्ट’ आती है। फिर जैसे ही वे उनसे बात करने की कोशिश करते हैं तो सब्सक्रिब्शन की जरूरत पड़ती है। ये सब्सक्रिव्शन कहती महंगे होते हैं पर जैसे ही वे सब्सक्रिब्शन लेते हैं सामने वाले का अकाउंट कुछ समय में ही डिलीट हो जाता है। इसलिए फेक प्रोफाइल की पहचान करना जरूरी है।

  1. सबसे पहले प्रोफाइल में मौजूद तस्वीरों को जांचें। संभव है कि उनमें कोई अंतर हो। इसके अलावा प्रोफाइल में लगी तस्वीरों को ‘रिवर्स इमेज सर्च’ के जरिए भी जांचें। अगर वही तस्वीरें अन्य वेबसाइट्स या सोशल मीडिया अकाउंट्स पर मिलती हैं, तो इसका मतलब है कि प्रोफाइल फर्जी है।
  2. फर्जी प्रोफाइल अक्सर बहुत अधिक परफेक्ट या अस्रामान्य लगती है। उदाहरण के लिए प्रोफाइल में असाधारण
    धन-दौलत का प्रदर्शन। स्पष्ट व्यक्तिगत जानकारी की कमी। प्रोफाइल का अस्पष्ट विवरण, जैसे कि नौकरी या स्थान की आधी-अधूरी जानकारी।
  3. यदि किसी व्यक्ति की प्रोफाइल असली लगती है, तो उसके सोशल मीडिया अकाउंट्स बैंक करें। देखें कि उसके पोस्ट और कनेक्शन वास्तविक हैं या नहीं।
  4. अगर उसके सोशल मीडिया अकाउंट्स 4 बहुत नए हैं या बहुत कम जानकारी है, तो यह फर्जी हो सकता है।
  5. फर्जी प्रोफाइल वाले व्यक्ति जल्दी विश्वास जीतने की कोशिश करते हैं। अगर कोई तुरंत ही व्यक्तिगत जानकारी मांगता है या शादी की बात करने लगता है, तो सतर्क रहें। किसी को भी जल्दबाजों में किसी को व्यक्तिगत या वित्तीय जानकारी न दें।
  6. ठग अक्सर एक ही तरह के मैसेज कॉपी-पेस्ट करते हैं। उनकी भाषा और संवाद शैली का विश्लेषण करें। यदि मैसेज में व्यावसायिक भाषा है या भावनात्मक दबाव बनाया जाए तो उससे सतर्क हो जाएं।

पेट्रोल और डीजल भरवाते समय हमारे साथ चोखाधड़ी हो सकती है। इसलिए कुछ सावधानियों को ध्यान में रखते हुए ईंधन भरवाना चाहिए।

  1. मीटर की गति… गाड़ी में ईधन भरवाते समय यदि क्रीमत 3-4 रुपये के 1 आसपास बढ़ रही है, तो यह सामान्य है। लेकिन अगर यह 40-50 रुपये तक हो, तो इसका मतलब है कि मीटर में छेड़छाड़ की गई है। ऐसी स्थिति में तुरंत इसकी शिकायत करें।
  2. डेंसिटी जांचें पेट्रोल की डेंसिटी 720-775 Kg/m² (किलोग्राम प्रति 2 क्यूबिक मीटर) सीमा तय है। पेट्रोल भरवाने से पहले यह सुनिश्चित करें कि पेट्रोल/डीजल की डेसिटी इस सीमा में है या नहीं। वहीं, डीजल की डेंसिटी 820 से 860 Kg/m² होनी चाहिए।
  3. विषम राशि में खरीदें… आमतौर पर ग्राहक 500 या 1000 की राशि • में इंधन भरवाते हैं। कई पंपों पर इन राशियों के लिए एक निश्चित इंधन मात्रा सेट करते हैं, जो वास्तविक मात्रा से कम होती है। ऐसी धोखाधड़ी से बचने के लिए, विषम राशियों में इंधन खरीदें, जैसे 575 या 1,355 आदि। इस्स्से धोखाधड़ी करना मुश्किल हो जाता है।
  4. मीटर पर नजर रखें. टैंक भरवाते समय मीटर की रीडिंग पर ध्यान 4 रखें।
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