मेधा सॉफ्ट से इन योजनाओं का मिलना है लाभ
साइकिल पोशाक छात्रवृत्ति का पैसा खाते में भेजा गया | नया लिस्ट जारी – यहाँ से देखें:-मुख्यमंत्री बालिका (इंटर) प्रोत्साहन योजना के तहत 10 हजार, मुख्यमंत्री बालिका प्रोत्साहन योजना (10वीं में फर्स्ट डिवीजन सामान्य व बीसी-2) में 10 हजार, मुख्यमंत्री विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना (10वीं में फर्स्ट डिवीजन सामान्य व अल्पसंख्यक सहित) के लिए 10 हजार, मुख्यमंत्री बालिका/बालक साइकिल योजना का 3000, बिहार शताब्दी मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना (9वीं से 12वीं की छात्राओं के लिए) में 1500, मुख्यमंत्री पोशाक योजना (कक्षा-1,2 के सभी) में 600, मुख्यमंत्री पोशाक योजना (कक्षा 3 से पांच) 700, मुख्यमंत्री पोशाक योजना (कक्षा 6 से 8 के सभी) 1000, मुख्यमंत्री किशोरी स्वास्थ्य कार्यक्रम (7वीं से 12वीं) 300, छात्रवृत्ति योजना (कक्षा एक से चार के सभी) 600, कक्षा 5 से 6 के सभी विद्यार्थी को 1000 और कक्षा 7 से 10 में पढ़ने वाले सभी विद्यार्थी को 1800 प्रति विद्यार्थी लाभ मिलना है।
बिना आधार खाता सीडिंग के लाभ नहीं
सरकारी स्कूलों के बच्चों को छात्रवृति, पोशाक समेत सभी तरह के लाभ लेने के लिए आधार बैंक खाता सीडिंग को विभाग ने अनिवार्य कर दिया है। बिना आधार खाता सीडिंग के स्कूली छात्र-छात्राओं को योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा। स्कूलों में 75 फीसदी उपस्थिति के आधार पर बच्चों को मिलने वाली लाभुक योजनाओं को लेकर यह निर्देश दिया गया है।
75 फीसदी उपस्थिति पर लाभुक योजनाओं को लेकर निर्देश
दरअसल, सूबे में 60 फीसदी से अधिक बच्चों का आधार खाता सीडिंग नहीं है। जिले में महज 25 फीसदी बच्चों का ही बैंक खाता से आधार सीडिंग है। सरकारी योजनाओं का लाभदेने को ई शिक्षा कोष पर बच्चों की 75 फीसदी उपस्थिति की रिपोर्ट मांगी गई थी। ई शिक्षा कोष पर दिए गए उपस्थिति के आंकड़ों से बैंक खाते का सत्यापन राज्य स्तर पर किया गया, जिसके बाद यह मामला सामने आया है। इसको लेकर माध्यमिक शिक्षा निदेशक सह डीबीटी नोडल अधिकारी ने जिलों को निर्देश दिया है। उन्होंने मुजफ्फरपुर समेत सभी जिले के डीईओ और डीपीओ लेखा योजना को कैंप लगवा बच्चों के बैंक खाता की आधार सीडिंग कराने का निर्देश दिया है।
जिले में ढाई लाख बच्चों का भी बैंक खाता से आधार सीडिंग नहीं
जिले में साढ़े आठ लाख बच्चों में ढाई लाख बच्चों का भी बैंक खाता से आधार सीडिंग नहीं है। डीपीओ लेखा योजना मनोज कुमार ने कहा कि अब तक हाईस्कूल और प्लस 2 के बच्चों का ही बैंक खाता अपने नाम से होता था, जिसमें योजनाओं की राशि भेजी जाती है। प्राइमरी-मिडिल में अभिभावकों के खाते में ही राशि जाती रही है। विभाग के निर्देश पर सभी बीईओ और हेडमास्टर को कार्रवाई को लिखा जा रहा है।
योजनाओं का लाभ लेने में फर्जीवाड़े पर लगेगी रोक
बच्चों के आधार से बैंक खाता सीडिंग से योजनाओं का लाभ लेने में हो रहे फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी। विभाग की यह कवायद दोहरे नामांकन पर रोक लगाने और सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले सही बच्चों को ही लाभ देने को लेकर है।
- कैंप लगवाकर राष्चों के बैंक खाता की आधारे सीडिंग का निर्देश
- लाम लेने को आधार बैंक खाता सीडिंग को विभाग ने किया अनिवार्य
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