साइकिल पोशाक छात्रवृत्ति का पैसा | 75% हाजरी की अनिवार्यता खत्म | सबका पैसा आया

साइकिल पोशाक छात्रवृत्ति का पैसा

साइकिल पोशाक छात्रवृत्ति का पैसा– राज्य के सरकारी विद्यालयों के नामांकित शत प्रतिशत छात्र-छात्राओं को साइकिल, पोशाक, छात्रवृत्ति आदि योजनाओं की राशि वित्तीय वर्ष 2025-26 में मिलेगी। इसके लिए 75 फीसदी हाजिरी की अनिवार्यता पांच साल बाद खत्म की जाएगी। इसका फायदा डेढ़ करोड़ से अधिक बच्चों को मिलेगा। इससे पहले कोरोना के समय 2020 में यह सुविधा बच्चों को दी गई थी।

शिक्षा विभाग ने योजनाओं की राशि के लिए बच्चों की कक्षा में 75 फीसदी हाजिरी को खत्म करने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इस प्रस्ताव को अनुसूचित जाति, जनजाति कल्याण विभाग तथा पिछड़ा-अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग को सहमति के लिए भेजा गया है। इस वर्ग के बच्चों के लिए राशि सम्बंधित विभागों की ओर सेही दी जाती है, इसलिए इनकी सहमति मांगी गई है।

सभी विभागों की सहमति के बाद राज्य कैबिनेट से इसकी मंजूरी ली जाएगी। इसके बाद इसे राज्य में लागू कर दिया जाएगा। साथ ही तत्काल राज्य के विद्यालयों में नामांकित सभी छात्र छात्राओं को पोशाक की राशि का भुगतान उनके बैंक खाते में कर दिया जाएगा। शिक्षा विभाग का फैसला है कि पोशाक की राशि सत्र के शुरुआत में ही दी जाएगी, ताकि सभी बच्चों के पास विद्यालय का ड्रेस उपलब्ध रहे। कोई भी बच्चा बिना विद्यालय ड्रेस के कक्षा में उपस्थित ना रहे।

इसके बाद आगे के चरण में इसी तर्ज पर सभी नामांकित बच्चों को साइकिल और छात्रवृत्ति आदि योजनाओं की राशि का भी भुगतान किया जाएगा। राशि देने के लिए किसी बच्चे की 75 फीसदी की हाजिरी नहीं देखी जाएगी। मालूम हो कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में 75 फीसदी हाजिरी के आधार पर करीब 95 लाख बच्चों को योजनाओं की राशि प्रदान की गयी। शेष बच्चे उपस्थिति अनिवार्यता पूरी नहीं करने के कारण इससे वंचित रह गए थे।

शिक्षा विभाग विद्यालय के बच्चों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति की राशि को भी दोगुनी करने का प्रस्ताव तैयार कर रहा है। इस पर भी जल्द ही राज्य कैबिनेट की स्वीकृति ली जाएगी। मालूम हो कि तीन मार्च को विधानसभा में पेश बजट में भी छात्रवृत्ति दोगुनी करने का एलान किया गया था। इसी आलोक में प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। मालूम हो कि वर्तमान में कक्षा एक से चार तक के बच्चों को छह सौ, पांच और छह के बच्चों को 12 सौ और कक्षा सातवीं से दसवीं तक के विद्यार्थियों को 1800 रुपये की सालाना छात्रवृत्ति देने का प्रावधान है।

आठवीं कक्षा उत्तीर्ण जिन विद्यार्थियों ने नौवीं कक्षा में पढ़ने के लिए सरकारी विद्यालयों में नामांकन के लिए आवेदन किया है, लेकिन उनका परमानेंट एजुकेशन नंबर और अपार कार्ड नहीं बना है तो उनका भी नामांकन लेना है।
जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने इसको लेकर प्राचार्यों को निर्देश जारी किया है। डीईओ संजय कुमार ने कहा है कि नौवीं 12 में नामांकन के लिए अभिभावकों से दूरभाष पर शिकायत मिल रही है कि विद्यालयों में नामांकन लेने से मना किया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि जिन मान्यता प्राप्त विद्यालयों को यू डायस कोड का आवंटन हो चुका है, उन निजी विद्यालयों से स्थानांतरण प्रमाण पत्र लेकर आने पर सम्बंधित विद्यार्थी का नामांकन लेना है।

जिला शिक्षा पदाधिकारी ने प्राचार्यों को निर्देश दिया है कि नामांकन के बाद अविलंब परमानेंट एजुकेशन नंबर और अपार आईडी जनरेट किया जाए। कहा कि नामांकन में छात्रों को परेशानी न हो, इसके लिए यह निर्देश सभी स्कूलों को जारी किए गए हैं। अगर किसी छात्र को पेन और अपार कार्ड के कारण नामांकन से वंचित किया जाएगा, तो ऐसे स्कूल पर जरूरी कार्रवाई हो सकती है।

परमानेंट एजुकेशन नंबर एक पहचान संख्या है जो छात्रों को दी जाती है। 12 अंक का यह नंबर छात्रों की पहचान को सुरक्षित रखता है। यह नंबर छात्रों की पूरी शिक्षा जीवनकाल के लिए दिया जाता है जो उनकी प्राथमिक शिक्षा से लेकर विश्वविद्यालय तक उनकी पहचान को बनाए रखने में मदद करता है।

पेन नंबर के उपयोग से छात्रों को शैक्षणिक जानकारी को एक केंद्रीय डेटाबेस में संग्रहित करने के लिए किया जाता है। दूसरी कक्षा से लेकर आगे नामांकन के लिए पेन नंबर अनिवार्य होता है। पेन नंबर स्कूल की ओर से ही जनरेट किया जाता है। पेन नंबर जनरेट होने के बाद ही छात्रों का अपार आईडी बन सकता है।

कक्षा 1 से 12वीं तक के सभी योजना का पैसायंहा से चेक करें
Aadhar Bank Account Seeded Processयंहा से चेक करें
YOUTUBESUBSCRIBE
TELEGRAMjoin
WhatsApp Group JoinCLICK HERE

बिहार बोर्ड इंटर पास प्रोत्साहन राशि का पैसा आना शुरू – यहाँ से करें चेक

बिहार बोर्ड मैट्रिक पास प्रोत्साहन राशि – ₹10000 आना शुरू

Scholarship

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top