स्नातक नामांकन को लेकर बड़ा बदलाव | अब किसी भी विषय से ले सकते हैं नामांकन

स्नातक नामांकन को लेकर बड़ा बदलाव

स्नातक नामांकन को लेकर बड़ा बदलाव- किसी भी स्ट्रीम (कला, विज्ञान या कॉमर्स) से बारहवीं उत्तीर्ण छात्र-छात्राएं स्नातक के किसी स्ट्रीम (संकाय) में नामांकन ले सकेंगे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) रेगुलेशन 2025 में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत ये नए प्रावधान किए गए हैं। इसकी अधिसूचना भी वेबसाइट पर जारी कर दी गई है। भारत का राजपत्र में भी उक्त रेगुलेशन के नियम जारी किए जा चुके हैं।

पहले आईएससी उत्तीर्ण छात्र ही स्नातक साइंस में नामांकन लेते हैं। वहीं बीकॉम में नामांकन के लिए बारहवीं कॉमर्स पढ़ना जरूरी है। सिर्फ आर्ट्स (कला) में किसी भी स्ट्रीम के छात्र नामांकन ले सकते हैं। अब अगर छात्र उक्त विश्वविद्यालय का एंट्रेस टेस्ट उक्त कोर्स में नामांकन के लिए क्वालिफाई कर लेते हैं तो फिर बाहरवीं में वे चाहे किसी भी स्ट्रीम से हों वे अपने मनचाहे स्नातक कोर्स में नामांकन ले सकेंगे। उन्हें आगे उस विषय से जुड़ा कोई ब्रिज कोर्स करना पड़ सकता है। यूजीसी ने देशभर के विश्वविद्यालयों में नये सत्र से नया रेगुलेशन (2025) को लागू करने का निर्देश दिया है।

मल्टीपल एंट्री-एग्जिट रहेगा नये रेगुलेशन के अनुसार मल्टीपल एंट्र-एग्जिट लागू रहेगा। छात्र एक वर्ष का स्नातक करेंगे तो सर्टिफिकेट, दो वर्ष का करने पर डिप्लोमा, तीन वर्ष का करने पर स्नातक की सामान्य डिग्री मिलेगी। चार वर्षीय स्नातक रिसर्च समेत का कोर्स करने पर पूरे चार वर्षीय स्नातक की डिग्री मिलेगी। ऐसे में एक वर्ष का पीजी कोर्स ही मात्र करना होगा। तीन वर्षीय स्नातक करने वाले को दो वर्ष का पीजी करना होगा। सेमेस्टर सिस्टम से पढ़ाई होगी। हर छह माह में परीक्षाएं होंगी। इसके अलावा एक वर्ष में नामांकन भी दो बार होगा।

राज्य में यूजीसी के नए नियम राजभवन की स्वीकृति से ही लागू होंगे। यूजीसी का कोई भी नियम यहां राजभवन के द्वारा ही सेंट्रलाइज्ड पूरे राज्य के लिए लागू किए जाते हैं। या फिर कोई विवि उक्त रेगुलेशन को नए सत्र से लागू करना चाहता है तो वे एकेडमिक काउंसिल से स्वीकृत कराकर राजभवन से भी उसकी स्वीकृति लेंगे। हालांकि अब जल्द ही सत्र शुरू होगा। नामांकन प्रक्रिया के लिए आवेदन लिए जा रहे हैं। यहां इतनी जल्दी नए नियमों को लागू होने की उम्मीद इस बार कम है। लेकिन आगामी सत्र से अब कॉलेजों में यही नियम चलेंगे। वहीं सेंट्रल यूनिवर्सिटी आदि में जुलाई-अगस्त 2025 में शुरू होने वाले नये सत्र से ही उक्त विनियम लागू हो जाएंगे।

बीआरएबीयू में इसबार किसी भी कॉलेज में सीट से अधिक दाखिला नहीं होगा। इसके लिए एडमिशन के सॉफ्टवेयर में बदलाव किया जा रहा है। यूएमआईएस को ऑर्डिनेटर प्रो. टीके डे ने बताया कि जल्द पोर्टल में बदलाव हो जायेगा।

साफ्टवेयर में एक बैरियर लगाया जायेगा, जिससे कोई भी कॉलेज तय सीट से अधिक दाखिला नहीं ले सकेंगे। विवि में कई शिकायत आती है कि कॉलेजों ने तय सीट से अधिक छात्रों का दाखिला ले लिया है। इसबार की सीनेट में भी यह मुद्दा उठा था। इसे नियंत्रित करने के लिए विवि प्रशासन यह उपाय करने जा रहा है। बीआरएबीयू के एडमिशन पोर्टल पर छात्रों को अपने जिले के सभी कॉलेज दिखेंगे। मोतिहारी के छात्र को मोतिहारी के कॉलेज और मुजफ्फरपुर के छात्र को मुजफ्फरपुर के सभी कॉलेज दिखेंगे। इन कॉलेजों के आगे अंगीभूत और संबद्ध लिखा रहेगा।

छात्र एक जिले के ही कॉलेजों में आवेदन कर सकेंगे। मुजफ्फरपुर के छात्र सीतामढ़ी या मोतिहारी के छात्र बेतिया के कॉलेज के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगे। पोर्टल में सीतामढ़ी और शिवहर को एक कलस्टर में रखा जायेगा। शिवहर में कॉलेजों की संख्या कम होने से ऐसा किया जा रहा है। विवि में अभी स्नातक में आवेदन लिये जा रहे हैं। इस आवेदन में कई छात्र शिकायत कर रहे हैं कि उन्हें कई विषय नहीं दिख रहे हैं। यूएमआईएस को-ऑर्डिनेटर प्रो. डे ने बताया कि छात्र साइबर कैफे में जाकर गलत तरीके से आवेदन कर रहे हैं, इसलिए उन्हें परेशानी हो रही है।

बीआरएबीयू में अबतक 36 हजार आवेदन स्नातक में आ चुके हैं। सबसे ज्यादा हिस्ट्री विषय के लिए आये हैं। 15 मई तक स्नातक में आवेदन किया जाना है। इसके बाद मेरिट सूची जारी की जायेगी। पहले बिहार बोर्ड के इंटर पास छात्रों से आवेदन लिया जा रहा है, इसके बाद सीबीएसई छात्रों का आवेदन लिया जायेगा।

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